8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र में फिर छेड़ा कश्मीर मुद्दे का राग, जवाब में भारत ने उसकी दुखती रग पर रख दिया हाथ

रेचप के इस बयान पर भारत ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साइप्रस के संबंध में ट्वीट कर रेचप को करारा जवाब दिया। साइप्रस के विदेश मंत्री निकोस क्रिस्टो डौलाइड्स से मुलाकात के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया है कि सभी को साइप्रस के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का पालन करना चाहिए।  

2 min read
Google source verification

image

Ashutosh Pathak

Sep 23, 2021

turkey.jpg

नई दिल्ली।

तुर्की के राष्ट्रपति रेचप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को उठाया। रेचप ने कहा, हम पार्टियों के बीच बातचीत के जरिए और प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के ढांचे के भीतर बीते 74 वर्षों से कश्मीर में चल रही समस्या को हल करने के पक्ष में खड़े हैं। हालांकि, इस बार रेचप ने कश्मीर का जिक्र करते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत से हल निकालने का प्रस्ताव दिया है, जबकि दो साल पहले उन्होंने कश्मीर को ज्वलंत मुद्दा बताया था।

रेचप के इस बयान पर भारत ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साइप्रस के संबंध में ट्वीट कर रेचप को करारा जवाब दिया। साइप्रस के विदेश मंत्री निकोस क्रिस्टो डौलाइड्स से मुलाकात के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया है कि सभी को साइप्रस के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का पालन करना चाहिए। बता दें कि तुर्की ने साइप्रस के बड़े हिस्से पर कई दशक से अवैध कब्जा किया हुआ है। इस मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव भी पारित किया हुआ है, मगर तुर्की इसे मानता नहीं है।

यह भी पढ़ें:-PM Narendra Modi US Visit: फ्लाइट में भी फाइलें निपटाते रहे पीएम मोदी, तड़के करीब साढ़े तीन बजे पहुंचे अमरीका, जानिए आज का पूरा शेड्यूल

बता दें कि 5 अगस्त 2019 को कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान ने मुस्लिम देशों से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई थी। तब मलेशिया और तुर्की सहयोग के लिए आगे आए और भारत के इस कदम की आलोचना करते हुए खिलाफ में बयान दिया। तुर्की के राष्ट्रपति रेचप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर की स्थिति को एक ज्वलंत मुद्दा बताया था और कश्मीर के लिए विशेष दर्जे को खत्म करने की आलोचना की थी।

यह भी पढ़ें:- अमरीका यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी क्वॉड समिट में भी होंगे शामिल, जानिए कल की यह बैठक भारत के लिए क्यों है खास

रेचप ने वर्ष 2019 में कहा था कि स्वीकृत प्रस्तावों के बाद भी कश्मीर अभी भी घिरा हुआ है और 80 लाख लोग कश्मीर में फंसे हुए हैं। तब प्रधानमंत्री मोदी ने तुर्की की अपनी यात्रा रद्द कर दी थी। वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साइप्रस के अपने समकक्ष निकोस क्रिस्टो डौलाइड्स के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने साइप्रस के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का पालन करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।