जहाज डूबने पर नोट तैरते हुए पाए गए
बता दें कि इस जहाज को 2 जुलाई, 1918 को एक जर्मन यू-बोट (पनडुब्बी) ने डुबा दिया था। नूनन्स में मुद्राशास्त्र से जुड़े मामलों की वैश्विक प्रमुख थॉमसिना स्मिथ ने कहा कि तब जहाज में इन नोटों की पूरी खेप के साथ मुरब्बे से लेकर गोला-बारूद तक का सामान लंदन से मुंबई भेजी जा रही थी। उन्होंने कहा कि कई नोट तैरकर किनारे पर आ गए, जिनमें बिना हस्ताक्षर वाले पांच और 10 रुपए के नोट (Indian Banknote) और एक रुपए के साइन वाले नोट शामिल थे। इनमें से एक रुपये का एक नोट इस नीलामी में भी शामिल है। ज्यादातर नोट को बरामद कर लिया गया और बाद में सरकार ने इन्हें नष्ट करा दिया गया और उनकी जगह पर नए नोट छापे गए। लेकिन कुछ नोट निजी लोगों के पास रह गए।’’
सोशल मीडिया पर जिक्र से आया मामला सामने
स्मिथ के मुताबिक उन्होंने इस तरह के नोट पहले कभी नहीं देखे हैं। इन नोटों के बारे में ‘बैंक ऑफ इंग्लैंड’ ने सोशल मीडिया पर 1918 में जहाज के डूबने की घटना में जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि ये नोट बहुत ही अच्छी स्थिति में हैं। वे निश्चित तौर पर नोट की गड्डी के मध्य में रहे होंगे जिससे वह समुद्री पानी में भीग नहीं पाए। चौंकाने वाली बात ये भी है कि नोटों पर छपे नंबर दो क्रमागत (लगातार) संख्याएं हैं।
100 रुपए का दुलर्भ नोट भी होगा नीलाम
इस नीलामी में ब्रिटिश उपनिवेश के दौरान तत्कालीन भारत सरकार के 100 रुपए के एक दुर्लभ नोट को भी बिक्री के लिए रखा जाएगा। इसके 4,400 से 5,000 पाउंड के बीच बिकने का अनुमान है। इस नोट के पिछले हिस्से पर बांग्ला और हिंदी समेत कई भारतीय भाषाओं में 100 रुपए मुद्रित है।