
UK Universities
UK Universities: आम तौर पर भारत सहित कई देशों के छात्र विदेश में उच्च अध्ययन करने का सपना देखते हैं,लेकिन ऐसा लगता है कि अब उनका विदेश में उच्च अध्ययन करने के प्रति रुझान कम हो गया है।
इंग्लैंड में विदेशी छात्रों की संख्या में कमी से विश्वविद्यालयों दिवालिया होने का डर बढ़ गया है। विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यॉर्कशायर के 10 सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से 4 घाटे में चले गए हैं, जबकि कुछ विश्वविद्यालयों को कर्मचारियों और पाठ्यक्रमों की संख्या कम करने पर मजबूर होना पड़ा।
एक सर्वेक्षण के अनुसार, वर्ष 2024 के लिए ब्रिटेन में उच्च शिक्षा (पोस्ट-ग्रेजुएशन) के लिए आवेदन करने वाले विदेशी छात्रों की संख्या में 27% की कमी आई है। विदेशी मीडिया के मुताबिक सख्त आव्रजन नियमों के कारण विदेशी छात्रों की संख्या में कमी आई है।
पिछले साल ब्रिटिश सरकार ने ब्रिटेन में अप्रवासियों की संख्या कम करने के लिए नियमों को सख्त करने का फैसला किया था।
गृह सचिव जेम्स क्लेवरली ने संसद में नए उपायों की घोषणा करते हुए कहा कि विदेश से आने वाले कुशल श्रमिकों को माता-पिता और बच्चों को भी लाने की अनुमति नहीं होगी।
गौरतलब है कि सन 2023 में, भारत शीर्ष स्रोत देश था, जिसने विदेश में वैश्विक अध्ययन बाजार में 1.3 मिलियन छात्रों का योगदान जारी रखा। चीन और भारत शीर्ष दो स्रोत देश हैं, जो CY23 (H1) में विदेश में पढ़ने वाले छात्रों की कुल संख्या में क्रमशः 1,170,000 और 1,300,000 छात्रों का योगदान करते हैं।
यूके के विश्वविदयालयों में भारतीय छात्रों की संख्या।
जानकारी के अनुसार सन 2023 में सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों - ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज में 7,500 श्वेत छात्रों की तुलना में 7,999 भारतीय छात्रों ने प्रवेश के लिए आवेदन किया था।
Updated on:
01 Jul 2024 12:50 pm
Published on:
01 Jul 2024 11:56 am
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