7 December 2025,

Sunday

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यूक्रेन की नई क्रूज़ मिसाइल ‘फ्लेमिंगो’ बनी रूस के लिए खतरा, जानिए इसकी इनसाइड स्टोरी

Flamingo Cruise Missile: यूक्रेन ने फ्लेमिंगो नाम की क्रूज़ मिसाइल विकसित की है, जो 3,000 किमी दूर तक सटीक हमला कर सकती है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

MI Zahir

Aug 21, 2025

Flamingo Cruise Missile

यूक्रेन की नई क्रूज़ मिसाइल ‘फ्लेमिंगो। (फोटो: X Handle OSINTtechnical.)

Flamingo Cruise Missile: यूक्रेन ने अपनी नई लंबी दूरी की क्रूज़ मिसाइल ‘फ्लेमिंगो’ (Flamingo Cruise Missile) का सफल परीक्षण किया है, जो 3,000 किलोमीटर तक हमला करने में सक्षम है। इस मिसाइल का पहला प्रोटोटाइप गुलाबी रंग का था, जिससे इसे यह नाम मिला। इसे तैयार किया है यूक्रेनी रक्षा तकनीक कंपनी ‘फायर प्वाइंट’ ने, जो अब हर दिन कम से कम एक फ्लेमिंगो (Ukraine Long-Range Missile) बना रही है। ‘फ्लेमिंगो’ यानी FP-5 क्रूज़ मिसाइल (Fire Point Defense) एक बार में 1,150 किलो तक का विस्फोटक पेलोड लेकर उड़ सकती है और 14 मीटर के अंदर सटीक निशाना लगा सकती है। यह मिसाइल (Ukrainian Military Innovation) रूस के अंदर तेल रिफाइनरियों, हथियार डिपो और अन्य सैन्य ठिकानों पर अचूक हमले कर सकती है। कंपनी का लक्ष्य है कि अक्टूबर 2025 तक रोजाना सात मिसाइलें तैयार की जाएं ताकि रूस- यूक्रेन युद्ध में इसकी बड़ी भूमिका हो सके।

कैसे बदली यूक्रेनी रक्षा प्रणाली की दिशा ?

रूस के पूर्ण हमले के बाद 2022 में फायर प्वाइंट जैसी कंपनियों का जन्म हुआ। पश्चिमी देशों से सीमित मदद मिलने के कारण यूक्रेन ने अपने घरेलू हथियार सिस्टम पर जोर देना शुरू किया। इसने स्थानीय नवाचार और तेजी से उत्पादन पर ध्यान दिया।

कंपनी रोज करीब 100 ड्रोन भी बना रही

फायर प्वाइंट की प्रोडक्शन हेड इरीना तेरेख बताती हैं कि अब कंपनी रोज करीब 100 ड्रोन भी बना रही है। यह संख्या पहले सिर्फ 30 प्रति महीने थी।

ड्रोन और मिसाइलों से रूस पर गहरा असर

फायर प्वाइंट का FP-1 ड्रोन भी काफी चर्चा में है। यह 1,600 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है और 60 किलो विस्फोटक लेकर हमला करता है। यूक्रेन का दावा है कि रूस के खिलाफ 60% हमले इसी ड्रोन से हुए हैं।

यूक्रेनी शहरों को भी इससे कुछ हद तक सुरक्षा मिली

ड्रोन और मिसाइलों की वजह से रूस की सप्लाई लाइनें और फॉरवर्ड पोस्ट कमजोर हो रही हैं। खार्किव जैसे यूक्रेनी शहरों को भी इससे कुछ हद तक सुरक्षा मिली है।

फायर प्वाइंट कैसे बना डिफेंस इनोवेशन का केंद्र ?

फायर प्वाइंट ने अपने ड्रोनों के लिए पहले विदेशी सिस्टम का इस्तेमाल किया, लेकिन रूस की इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर तकनीक के चलते इन्हें बाधित किया जाने लगा। इसके जवाब में कंपनी ने अपना खुद का सॉफ्टवेयर विकसित किया, जिससे यह सिस्टम अधिक सक्षम हो गया।

अन्य डिफेंस कंपनियाँ रक्षा के क्षेत्र में "सिलिकॉन वैली" बन गईं

अब फायर प्वाइंट और यूक्रेन की अन्य डिफेंस कंपनियाँ रक्षा के क्षेत्र में "सिलिकॉन वैली" बन चुकी हैं, जहाँ तेज़ इनोवेशन हो रहा है और युद्ध क्षेत्र से सीधे फीडबैक लेकर बदलाव किए जा रहे हैं।

सुरक्षा भी है बड़ी चुनौती

कई फैक्ट्रियाँ अब गुप्त स्थानों या नागरिक इमारतों में चल रही हैं ताकि रूसी हमलों से बचा जा सके। लेकिन इससे नागरिकों पर खतरा भी बढ़ता है। फिर भी, यूक्रेनी रक्षा अधिकारी मानते हैं कि यह जोखिम उठाना जरूरी है। क्योंकि उनका मानना है कि युद्ध की सबसे अच्छी तैयारी आत्मनिर्भरता में ही है।

यूक्रेन बना रहा है नए युद्ध का रास्ता

बहरहाल रूस के खिलाफ अपने अस्तित्व की लड़ाई में यूक्रेन अब घरेलू रक्षा तकनीक और इनोवेशन के दम पर आगे बढ़ रहा है। 'फ्लेमिंगो' मिसाइल और स्मार्ट ड्रोन इसके सटीक उदाहरण हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को उम्मीद है कि ये तकनीकें न सिर्फ युद्ध में मदद करेंगी, बल्कि भविष्य में निर्यात और वैश्विक रक्षा बाजार में भी देश की भागीदारी को बढ़ाएंगी।