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अमरीकी खुफिया एजेंसियां भी बेबस, कहा- कोरोना वायरस कहां से और कैसे आया यह पता लगाना मुश्किल

Published: Oct 30, 2021 01:12:53 pm

Submitted by:

Ashutosh Pathak

प्राकृतिक उत्पति और लैब लीक दोनों ही प्रशंसनीय परिकल्पनाएं हैं, लेकिन एनालिस्ट्स इस बात से असहमत हैं कि किसकी अधिक संभावना है या क्या कोई निश्चित मूल्यांकन किया जा सकता है।
 

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नई दिल्ली।

अमरीकी खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि हम शायद कभी भी पता नहीं लगा सकें कि कोरोना वायरस की उत्पति कहां से हुई। एजेंसियों ने अपनी एक नई रिपोर्ट में कोरोना वायरस के जानवरों से इंसानों में आने या लैब से लीक होने पर विस्तार से बताया है।
ऑफिस ऑफ द यूएस डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस के मुताबिक, प्राकृतिक उत्पति और लैब लीक दोनों ही प्रशंसनीय परिकल्पनाएं हैं, लेकिन एनालिस्ट्स इस बात से असहमत हैं कि किसकी अधिक संभावना है या क्या कोई निश्चित मूल्यांकन किया जा सकता है।
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रिपोर्ट्स ने उन सुझावों को भी खारिज कर दिया है जिसमें कोरोना वायरस को बायो हथियार बताया गया। उन्होंने कहा कि इस थ्योरी के समर्थकों की वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी तक सीधी पहुंच नहीं है। यह रिपोर्ट अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन को अगस्त में जारी किए गए 90 दिनों की समीक्षा का अपडेट है।
कुछ अमरीकी जासूसी एजेंसियों ने इसका पुरजोर समर्थन किया था कि वायरस की उत्पत्ति प्रकृति में हुई थी लेकिन इसकी बहुत कम पुष्टि हुई है। एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि चार अमरीकी जासूसी एजेंसियों और एक मल्टी एजेंसी बॉडी को कम यकीन है कि कोरोना वायरस एक संक्रमित जानवर या संबंधित वायरस से उत्पन्न हुआ है। अमरीकी जासूसी एजेंसियों का मानना है कि वे नई जानकारी के बिना कोरोना वायरस की उत्पत्ति के लिए निश्चित स्पष्टीकरण नहीं दे पाएंगे।
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कोरोना वायरस उत्पति की जांच में चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को सहयोग नहीं किया है जिसे लेकर शी जिनपिंग सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा है। इस नए रिपोर्ट पर अब तक चीन ने कोई कमेंट नहीं किया है।
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