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अमेरिकी वायुसेना का C-17 विमान पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर क्यों उतरा ? जानिए ऑपरेशन सिंदूर का कनेक्शन

US Airforce C-17 landing Pakistan: अमेरिकी वायुसेना का C-17 विमान 5 सितंबर को पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर उतरा, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा और भारत-पाकिस्तान रिश्तों पर नए सवाल उठ खड़े हुए हैं।

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भारत

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MI Zahir

Sep 05, 2025

US Airforce C-17 landing Pakistan

अमेरिकी वायुसेना का C-17 विमान । (फोटो: वाशिंगटन पोस्ट.)

US Airforce C-17 landing Pakistan: अमेरिकी वायुसेना का बड़ा C-17 ग्लोबमास्टर III विमान (US Airforce C-17 Pakistan) आज, 5 सितंबर को पाकिस्तान के इस्लामाबाद से केवल 25 किलोमीटर दूर स्थित नूर खान एयरबेस (Nur Khan Airbase landing)पर उतरा है। यह घटना कई सवालों को जन्म दे रही है। यह एयरबेस पाकिस्तान की सैन्य ताकत का एक अहम हिस्सा है और भारत के इस हमले ने उसकी क्षमताओं को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया था। ध्यान रहे कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत और पाकिस्तान (Pakistan)के बीच रिश्ते खराब चल रहे हैं और पहले टैरिफ व बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा और वहां पुतिन व जिनपिंग के साथ पीएम मोदी(PM modi) की तस्वीर देख कर डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का मूड खराब हो गया है। ऐसे में सुलगता हुआ सवाल यह है कि​ ऐसा तो नहीं कि दोनों देश कहीं अंदर ही अंदर भारत के खिलाफ कोई खिचड़ी तो नहीं पका रहे हैं।

कैसे और कहां किया गया विमान का उपयोग?

नूर खान एयरबेस, जो रावलपिंडी में स्थित है, पाकिस्तान का एक प्रमुख सैन्य हवाई अड्डा है। दुनिया को यह बताया गया है कि अमेरिका ने इस एयरबेस का इस्तेमाल राहत सामग्री भेजने के लिए एक हवाई पुल की तरह किया। कई विमानों के जरिए यह मदद वहां पहुंचाई जाती रही है ताकि प्रभावित इलाकों तक राहत तेज़ी से पहुंच सके। बताया जा रहा है कि यह विमान मानवीय मदद लेकर आया था। पिछले कुछ समय से पाकिस्तान में भारी बाढ़ आई है और वहां की जनता को तत्काल राहत सामग्री की जरूरत है। इस विमान में भोजन, दवा और अन्य जरूरी वस्तुएं थीं, जिन्हें वहां के बाढ़ प्रभावित इलाकों तक पहुंचाया जाना था।

पाकिस्तान की वायुसेना का एक महत्वपूर्ण ठिकाना

प्रतिरक्षा सूत्रों ने बताया कि यह पाकिस्तान की वायुसेना का एक महत्वपूर्ण ठिकाना माना जाता है। मई के महीने में, भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई के रूप में इस एयरबेस पर हमला किया था। इस हमले में एयरबेस पर खड़े दो खास ट्रकों को निशाना बनाया गया था, जो साधारण वाहन नहीं बल्कि ड्रोन कमांड और कंट्रोल सेंटर के रूप में उपयोग हो सकते थे। इस हमले से ट्रक और आसपास की इमारतों को गंभीर नुकसान पहुंचा।

यहीं हुई थी तबाही,अब दुबारा बनाया जा रहा है

उपग्रह चित्रों के अनुसार, 25 अप्रैल को हमले से पहले इन ट्रकों को तिरपाल से ढका गया था ताकि उनकी गतिविधियां छुपाई जा सकें। 10 मई को हुए हमले के बाद की तस्वीरों में भारी तबाही साफ दिख रही थी। 17 मई को प्रभावित इलाके को खाली करा लिया गया था, और 3 सितंबर को पुनर्निर्माण कार्य शुरू हो चुका था, जिसमें नई दीवारें भी बनाई गई थीं।

पाक ने इस एयरबेस पर मरम्मत का काम शुरू​ किया

भू-खुफिया विशेषज्ञ डेमियन साइमन के मुताबिक, इन हालिया उपग्रह चित्रों से यह स्पष्ट होता है कि भारत के हमले के बाद पाकिस्तान ने इस एयरबेस पर मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। हमले में न केवल ट्रकों को नुकसान पहुंचा, बल्कि आसपास की कई इमारतें और उनके आंतरिक तंत्र भी प्रभावित हुए। इन इमारतों को भी ध्वस्त कर दिया गया, संभवतः हमले के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए।

पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय के करीब है ये एयरबेस

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार नूर खान एयरबेस की रणनीतिक महत्ता भी काफी ज्यादा है। क्योंकि यह पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय के करीब है और यहाँ IL-78 और C-130 जैसे बड़े सैन्य परिवहन विमान ईंधन भरने के लिए तैनात रहते हैं। डेमियन साइमन ने यह भी बताया कि नई बनाई गई दीवारें पुरानी संरचनाओं के अनुसार बनाई गई हैं, जिनमें से कुछ हमले के समय सुरक्षित रह गई थीं।

क्या नूर खान एयरबेस पर अमेरिकी नियंत्रण है?

कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि नूर खान एयरबेस पर अमेरिकी सैन्य नियंत्रण है, और पाकिस्तानी सेना को वहां पूरी आज़ादी नहीं है। हालांकि इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह बात क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से अहम मानी जा रही है।

ऑपरेशन सिंदूर क्या था और इसका नूर खान एयरबेस से क्या संबंध है?

भारत ने पहले भी ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस को निशाना बनाया था। इस ऑपरेशन में एयरबेस की रनवे और अन्य महत्वपूर्ण संरचनाओं को नुकसान पहुंचाया गया था। इससे पता चलता है कि यह एयरबेस दोनों देशों के लिए कितना महत्वपूर्ण है।

भारत और अमेरिका के रिश्ते इस घटना से कैसे प्रभावित होंगे ?

भारत और अमेरिका के बीच कई क्षेत्रों में गहरे रिश्ते हैं जैसे कि रक्षा, व्यापार और तकनीकी सहयोग। हालांकि भारत पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद और आतंकवाद को लेकर काफी सतर्क रहता है। अमेरिका का पाकिस्तान में सैन्य सहयोग भारत की निगाहों में रहता है। लेकिन इस बार का राहत मिशन मानवता के लिहाज से देखा जा रहा है, जिसे भारत ने भी समझदारी से संभाला है।

भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते क्या हैं ?

भारत और पाकिस्तान के रिश्ते लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं। सीमा पर अक्सर संघर्ष होते रहे हैं और कूटनीतिक बातचीत में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं। दोनों देश कई बार बातचीत की कोशिश करते हैं, लेकिन मुद्दे जटिल बने हुए हैं। ऐसे में किसी भी विदेशी देश की पाकिस्तान में सैन्य गतिविधि पर भारत नजर रखता है।

इस घटना से क्या संकेत मिलते हैं?

बहरहाल अमेरिकी वायुसेना का C-17 विमान नूर खान एयरबेस पर उतारना प्रत्यक्ष रूप में तो मानवीय सहायता मिशन था, जिससे पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित इलाकों को त्वरित मदद मिल सके। लेकिन यह कदम भारत-पाकिस्तान और अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों के बीच जटिलता भी दर्शाता है। जबकि भारत के पंजाब, कश्मीर और ​हिमाचल प्रदेश में भी बाढ़ आई है। आने वाले समय में इस घटनाक्रम के और पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी होगा।