अमरीकी विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, अमरीका कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के वरिष्ठ नेताओं के साथ पहली बैठक करेगा। यह बैठक इस सप्ताह के अंत में होगी। अमरीका और तालिबान के बीच होने वाली बैठक में कई एजेंडे शामिल होंगे। बयान में कहा गया है कि इस बैठक का उद्देश्य अफगानिस्तान में फंसे विदेशी नागरिकों को निकालना होगा। इसके अलावा, अमरीका अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के मुद्दों पर भी तालिबान पर दबाव बनाएगा।
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अमरीका की ओर से बताया गया कि शनिवार और रविवार को होने वाली इस बैठक से यह संकेत नहीं मिलता कि वह अफगानिस्तान में तालिबान शासन को मान्यता दे रहा है। अमरीकी प्रवक्ता ने कहा कि हम इस तथ्य को लेकर स्पष्ट हैं कि तालिबान को अपने काम के जरिए ही हमारी वैधता हासिल करनी होगी। यह बैठक तालिबान नेताओं को प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगी कि वे अमरीकी और अन्य विदेशी नागरिकों को अफगानिस्तान छोड़ने की अनुमति दें। साथ ही, उन अफगानों को भी जो कभी अमेरिकी सेना या सरकार और अन्य अफगान सहयोगियों के लिए काम करते थे।
विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि अमरीका भी महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का पालन करने के लिए तालिबान पर दबाव बनाना चाहता है। उन्होंने कहा एक हम महिलाओं और लड़कियों सहित सभी अफगानों के अधिकारों का सम्मान करने और व्यापक रूप से समर्थन के साथ एक समावेशी सरकार बनाने के लिए तालिबान पर दबाव डालेंगे।
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हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों पक्षों का प्रतिनिधित्व कौन करेगा। मध्य कमान के प्रमुख जनरल फ्रैंक मैकेंजी सहित वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने अगस्त में काबुल में तालिबान से मुलाकात की थी, जब अमरीकी सैनिकों ने एयरलिफ्ट के लिए हवाई अड्डे पर कब्जा कर लिया था।
अमरीकी प्रवक्ता ने कहा है कि अमरीकी नागरिकों को अफगानिस्तान छोड़ने देने में तालिबान ने काफी हद तक सहयोग किया है। इसने यह भी कहा है कि अगस्त में जल्दबाजी में एयरलिफ्ट के दौरान ज्यादातर अफगान सहयोगियों को नहीं निकाला जा सका, अमरीका ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से पहले काबुल से हजारों लोगों को बाहर निकाला।