
US Army Attack on Yemen
Yemen conflict: अमेरिकी विमानों की यमन (Yemen conflict) के तटीय शहर हदीदा और सना में बमबारी से 77 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हो गए। जानकारी के अनुसार, मारे जाने वालों में हूती नेता अंसारुल्लाह अब्दुल मलिक भी शामिल हैं। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, हमले में हूतियों (Houthi rebels) के 11 ड्रोन मार गिराए गए, जबकि उनकी ओर से दागा गया मिसाइल यमन के नजदीक समुद्र में गिर गया। इसके अलावा राजधानी सना में भी अमेरिकी हमलों के परिणामस्वरूप 24 लोग मारे गए। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि हूतियों की ओर से दागा गया मिसाइल अमेरिका के लिए बड़ा खतरा साबित नहीं हुआ। दूसरी ओर, संयुक्त राष्ट्र ने अमेरिका और यमनी हूतियों से आग्रह किया है कि वे एक-दूसरे पर हमले तुरंत रोकें और क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए शांति वार्ता (peace talks) का रास्ता अपनाएं।
उल्लेखनीय है कि यमन पश्चिमी एशिया में स्थित एक देश है, जो अरब प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्से में स्थित है। इसकी सीमा सऊदी अरब (Saudi Arabia) और ओमान से मिलती है, और इसका समुद्री किनारा अदन और लाल सागर से जुड़ा हुआ है। यमन में वर्तमान में एक गंभीर गृहयुद्ध चल रहा है, जिसमें सरकार समर्थक बल और हूती विद्रोही गुट के बीच संघर्ष जारी है।
हूती (Ansar Allah) शिया मुसलमानों का विद्रोही गुट है, जो यमन के उत्तरी हिस्से में सक्रिय है। इसे "हूती आंदोलन" के नाम से भी जाना जाता है, जो 1990 के दशक में शुरू हुआ था। हूती मुख्य रूप से ज़ैदी शिया मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वर्ष 2014 में हूती ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया और फिर पूरे देश में अपनी ताकत बढ़ाई, जिसके बाद यमन सरकार और हूती गुट के बीच युद्ध शुरू हो गया। इस संघर्ष में हूती गुट को ईरान से समर्थन प्राप्त है, जबकि यमन सरकार को सऊदी अरब और अन्य अरब देशों से मदद मिल रही है।
यमन का संघर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित कर रहा है, क्योंकि यह न केवल देश की स्थिरता को प्रभावित कर रहा है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा को भी खतरे में डाल रहा है।
यमन सरकार उस समय राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी के नेतृत्व में थी,जब उसने हूती विद्रोहियों के खिलाफ संघर्ष किया। उस वक्त सरकार को सऊदी अरब और अन्य अरब देशों का समर्थन मिला, जबकि हूती गुट को ईरान से मदद मिल रही थी। संघर्ष के कारण यमन में भारी मानवीय संकट पैदा हुआ है, जिसमें लाखों लोग मारे गए और करोड़ों लोग बेघर हो गए।
सऊदी अरब ने 2015 में यमन सरकार का समर्थन करते हुए सैन्य हस्तक्षेप शुरू किया। सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ बमबारी की और यमन में गृह युद्ध और बढ़ा दिया। सऊदी अरब का दावा है कि हूती ईरान से समर्थन प्राप्त कर रहे हैं, जो सऊदी अरब के लिए एक सुरक्षा खतरा है।
Updated on:
17 Mar 2025 04:01 pm
Published on:
17 Mar 2025 03:51 pm
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