
US china new trade war
US-China Trade Agreement: अमेरिका और चीन ने 12 मई 2025 को जिनेवा में हुई उच्च-स्तरीय वार्ता (Geneva talks) के बाद 90 दिनों के लिए आपसी व्यापारिक तनाव कम करने का निर्णय लिया है। इस समझौते (US-China trade agreement) के तहत, अमेरिका ने चीन से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ 145% से घटा कर 30% तक कम (Tariff reduction) करने की घोषणा की है, जबकि चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 125% से घटा कर 10% तक टैरिफ कम किया है। यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों (US-China Trade) में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस समझौते से वैश्विक बाजारों में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। एक ओर अमेरिकी शेयर बाजारों में (Stock market reaction) तेजी आई है और डॉलर मजबूत हुआ है और सोने की कीमतों में गिरावट आई है। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए लाभकारी हो सकता है, हालांकि यह केवल एक अस्थायी समाधान है और दीर्घकालिक स्थिरता के लिए और बातचीत की आवश्यकता होगी।
समझौते में फेंटनाइल से संबंधित उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ शामिल नहीं किए गए हैं, और यह मुद्दा अलग से चर्चा के लिए खुला रखा गया है। दोनों पक्षों ने व्यापारिक संबंधों को संतुलित बनाने और पूर्ण रूप से अलगाव से बचने की मंशा जाहिर की है।
यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से चीन के खिलाफ अपनाई गई कठोर टैरिफ नीति के बाद एक महत्वपूर्ण मोड़ है, और इसे दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में सुधार होने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को शेयर बाजारों और डॉलर में उछाल आया, जब अमेरिका और चीन ने कहा कि वे टैरिफ पर 90 दिनों के विराम पर सहमत हो गए हैं और पारस्परिक शुल्कों में तेजी से कमी आएगी, जिससे निवेशकों को कुछ हद तक भरोसा मिला कि पूर्ण पैमाने पर व्यापार युद्ध टल सकता है। जिनेवा में चीनी अधिकारियों के साथ वार्ता के बाद अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने संवाददाताओं से कहा कि दोनों पक्ष उस समझौते पर पहुंच गए हैं, जिसकी रूपरेखा संयुक्त बयान में दी गई थी और पारस्परिक दरों में 115 प्रतिशत अंकों की कमी आएगी।
इस सप्ताहांत की बैठकें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में वापस आने और चीन पर विशेष रूप से भारी शुल्क लगाते हुए वैश्विक टैरिफ ब्लिट्ज शुरू करने के बाद से अमेरिकी और चीनी अधिकारियों के बीच पहली आमने-सामने की बातचीत थी।
जानकारी के अनुसार स्टॉक: एसएंडपी 500 और नैस्डैक पर वायदा क्रमशः 2.8% और 3.5% ऊपर कारोबार कर रहा है, जो पहले 1.5-2% की बढ़त से था, जबकि यूरोप में, STOXX 600 (.STOXX) यानि 46,350 रुपये, शुरुआती कारोबार में 0.7% बढ़ा। उधर डॉलर में बढ़त जारी रही, यूरो 1.2% गिर कर $1.1164 पर आ गया, जो पिछले दिन 0.2% नीचे कारोबार कर रहा था, जबकि येन कमजोर हुआ, जिससे अमेरिकी मुद्रा 1.6% बढ़ कर 147.715 पर आ गई, जो पहले 0.5% की बढ़त से थी। ध्यान रहे कि $1.1164 का भारतीय मूल्य लगभग ₹92.66 है (यदि 1 USD = ₹83 हो)।
बॉन्ड: बेंचमार्क 10-वर्षीय यू.एस. ट्रेजरी यील्ड्स संयुक्त वक्तव्य से पहले 5 बीपीएस ऊपर कारोबार करते हुए दिन में 7 आधार अंक बढ़ कर 4.44% हो गए। हमारे पास यह परिदृश्य है जहां डॉलर को अब एक जोखिमपूर्ण परिसंपत्ति के रूप में माना जा रहा है और यह लाभ कमा रहा है। "हमें अमेरिका से आश्वासन मिला है कि वार्ता जारी रहेगी और वार्ता का स्वर सकारात्मक रहा है और अमेरिका और चीन अलग नहीं होना चाहते हैं, इसलिए बहुत अधिक आशावाद है कि टैरिफ का विनाशकारी प्रभाव नहीं होगा जो शायद हो सकता था, और बाजारों में सामूहिक राहत की सांस है।
उनके अनुसार, "इसका मतलब यह नहीं है कि हम ट्रंप के उद्घाटन से पहले जहां थे, वहां वापस आ गए हैं, 10% बेसलाइन टैरिफ अभी भी हर जगह मौजूद है, 90 का ठहराव है और घड़ी की टिक टिक शुरू हो रही है। समग्र परिदृश्य उतना बुरा नहीं है जितना हो सकता था, लेकिन हमारे पास अभी भी इस बारे में काफी अनिश्चितता है कि ये टैरिफ कहां बसेंगे, यह भी देखना होगा कि विश्व विकास और केंद्रीय बैंक नीति पर उनका कितना प्रभाव सामने आएगा।"
Published on:
12 May 2025 02:48 pm
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
