
Chabahar Port
अमेरिका (United States Of America) ने गुरुवार को ईरान (iran) के चाबहार पोर्ट (Chabahar Port) पर एक बड़ा फैसला लिया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने ईरान के रणनीतिक चाबहार पोर्ट के विकास और संचालन के लिए 2018 में जारी की गई प्रतिबंध छूट को खत्म करने की घोषणा की है। यह फैसला 29 सितंबर से प्रभावी होगा, जिसके बाद इस पोर्ट के संचालन से जुड़े व्यक्ति या संस्थाएं अमेरिकी-ईरान फ्रीडम एंड काउंटर-प्रोलिफरेशन एक्ट (IFCA) के तहत प्रतिबंधों का सामना कर सकती हैं।
चाबहार पोर्ट को दी जाने वाली प्रतिबंध छूट को खत्म करना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का बड़ा फैसला है, जिससे ईरान पर ज़्यादा से ज़्यादा दबाव बनाया जा सके। ट्रंप का मानना है कि चाबहार पोर्ट, ईरान के लिए काफी फायदेमंद है और इससे ईरान की सेना को काफी ज़्यादा आर्थिक सहयोग मिलता है। ऐसे में ट्रंप का मानना है कि चबहार पोर्ट को दी जाने वाली प्रतिबंध छूट को खत्म करने से ईरान को आर्थिक रूप से काफी नुकसान होगा।
अमेरिका की तरफ से चाबहार पोर्ट को दी जाने वाली प्रतिबंध छूट को खत्म करने से भारत (India) को भी नुकसान होगा। भारत के लिए अफगानिस्तान (Afghanistan) और सेंट्रल एशिया (Central Asia) तक पहुंचने के लिए चाबहार पोर्ट एक ऐसा रास्ता है जिसमें पाकिस्तान (Pakistan) को बायपास किया जा सकता है। अमेरिका के इस फैसले से भारत की कई कंपनियों को नुकसान हो सकता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि ट्रंप ने यह फैसला सिर्फ ईरान को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि भारत पर दबाव बनाने के लिए भी लिया है।
Updated on:
19 Sept 2025 12:35 pm
Published on:
19 Sept 2025 09:56 am
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