क्या है मुद्दा ? नीदरलैंड (Netherlands) की इस हिंसा ने पूरी दुनिया के सामने एक बड़ा मुद्दा एक बार फिर से लाकर रख दिया है, जिस पर पहले ध्यान तो दिया गया था लेकिन इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता था और ये मुद्दा है अवैध प्रवासियों का। नीदरलैंड (Netherlands) में फैली इस भयानक हिंसा का कारण भी यही है। यहां के लोगों का कहना है कि उनके देश में जो बाहर से लोग घुस आए हैं वो उनके हिस्से की संपत्ति, जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। जिससे उनके लिए काफी मुश्किलें आ गई हैं। इन वीडियोज़ में आप देख सकते हैं किस तरह नीदरलैंड को दंगे की आग में झोंक दिया गया है।
बीती शाम से ही नीदरलैंड के हेग शहर (The Hague) में फ्रूटवेग के साथ ओपेरा ज़ेलेनसेंट्रम के पास प्रवासियों के इन्हीं दो प्रतिद्वंद्वी कार्यकर्ता समूहों के बीच झड़प हो गई थी, जो अब एक भयानक हिंसा में बदल गई है। कहा जा रहा है कि मामला तब ज्यादा गर्माया, जब इरिट्रिया सरकार (Eritrea) के समर्थकों ने इरिट्रिया विरोधी के आयोजित किए गए एक समारोह को रोकने की कोशिश की। जिससे गुस्से में आकर समारोह के प्रतिभागियों ने पूरे इलाके में पथराव करना शुरू कर दिया और पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी। पुलिस ने मौजूद उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस तक का इस्तेमाल किया। तो वहीं अब नीदरलैंड में एक आपातकालीन निर्देश को सक्रिय कर दिया गया है और जनता को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहने का आदेश दे दिया है।
अवैध प्रवासियों के इस मुद्दे पर हो रही इस हिंसा ने पूरी दुनिया को इस समस्या पर सोचने पर मजबूर कर दिया है। दरअसल बीते कुछ सालों में यूरोप में प्रवासियों की संख्या में अचानक से बढ़ोतरी हुई है। यूरोपीय लोगों का कहना है कि जो प्रवासी यहां रहने के लिए आ रहे हैं, उनमें से कई तो अवैध हैं, जिस पर सरकारें ध्यान नहीं दे रही हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि सरकार को ऐसी नीति में बदलाव करना चाहिए और सिर्फ वैध प्रवासियों को देश में रहने की अनुमति देनी चाहिए।
एक रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप में सबसे ज्यादा युद्ध प्रभावित क्षेत्रों से भागकर आए शरणार्थी रह रहे हैं। इनमें सीरिया, लीबिया, अफगानिस्तान, इरिट्रिया, नाइजीरिया के लोग शामिल हैं। वहीं कुछ रिपोर्ट्स ये भी कहती हैं कि इजरायल-हमास और रूस-यूक्रेन युद्ध से डर कर भी लोग इन देशों ये यूरोपीय देशों में बस चुके हैं।