Early Premature aging and Skin changes: क्या आपके बाल जल्दी सफेद हो रहे हैं ? क्या आपकी स्किन का कलर बदल रहा है या आप जल्दी थकान महसूस कर रहे हैं? तो यह संकेत हो सकते हैं कि आप समय से पहले बुढ़ापे के लक्षण महसूस कर रहे हैं। आज के जमाने में बॉडी और […]
Early Premature aging and Skin changes: क्या आपके बाल जल्दी सफेद हो रहे हैं ? क्या आपकी स्किन का कलर बदल रहा है या आप जल्दी थकान महसूस कर रहे हैं? तो यह संकेत हो सकते हैं कि आप समय से पहले बुढ़ापे के लक्षण महसूस कर रहे हैं। आज के जमाने में बॉडी और स्किन केयर बहुत जरूरी है। वैज्ञानिकों के अनुसार, वर्नर सिंड्रोम (Werners syndrome) जैसे आनुवांशिक विकारों और बढ़ते जलवायु संकट के कारण अब लोग बहुत जल्दी बुढ़ापे (Early aging) के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर सामान्य उम्र से पहले ही बुढ़ा होने लगता है।
वर्नर सिंड्रोम एक दुर्लभ आनुवांशिक विकार है, जिसमें व्यक्ति समय से पहले बुढ़ा हो जाता है। इसके कारण बालों का सफेद होना, झड़ना, त्वचा पर जल्दी झुर्रियाँ पड़ना और अन्य उम्र संबंधी समस्याएं जल्दी उत्पन्न होती हैं। मोतियाबिंद, मधुमेह, हृदय रोग जैसी बीमारियां भी जल्दी विकसित होती हैं। इस विकार से पीड़ित व्यक्ति को स्किन अल्सर और गंभीर हृदय समस्याएं भी हो सकती हैं।
हाल ही में हुए एक क्लीनिकल ट्रायल में वैज्ञानिकों ने यह पाया है कि विटामिन बी3 (निकोटिनामाइड राइबोसाइड, एनआर) समय से पहले बुढ़ापे के लक्षणों को पलट सकता है। जापान में किए गए इस परीक्षण में यह देखा गया कि विटामिन बी3 का सेवन करने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार, त्वचा के अल्सर में कमी और गुर्दे की क्षति में धीमापन आया। यह एक बड़ी उम्मीद जगा सकता है, क्योंकि यह उपचार एनएडी प्लस के स्तर को बढ़ाता है, जो शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करता है और ऊर्जा का उत्पादन करता है।
विटामिन बी3 का सेवन शरीर में एनएडी प्लस के स्तर को बढ़ाता है। एनएडी प्लस एक अहम अणु है, जो डीएनए मरम्मत, ऊर्जा उत्पादन और कोशिका कार्यों में सहायक होता है। जब शरीर में एनएडी प्लस का स्तर बढ़ता है, तो कोशिकाएं बेहतर तरीके से कार्य करती हैं और बुढ़ापे की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। इस नए शोध के बाद, वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि विटामिन बी3 वर्नर सिंड्रोम जैसे विकारों को भी नियंत्रित कर सकता है।
यह खबर सच में एक बड़ी राहत का कारण बन सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो वर्नर सिंड्रोम जैसी दुर्लभ बीमारियों से ग्रस्त हैं या जो जल्दी बुढ़ापे के लक्षणों का सामना कर रहे हैं। विटामिन बी3 (एनआर) का असर देखना बेहद उम्मीद देने वाला है। अगर यह शोध सही साबित होता है, तो यह न केवल उम्र संबंधी विकारों को रोकने में मदद कर सकता है, बल्कि यह भविष्य में बुढ़ापे के इलाज में भी क्रांति ला सकता है।
यह शोध बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन हमें और अधिक क्लीनिकल ट्रायल्स और डेटा की आवश्यकता होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विटामिन बी3 (एनआर) का प्रभाव लंबे समय तक रहेगा। क्या यह सप्लीमेंट रोज़ाना इस्तेमाल किया जा सकता है? क्या इसका सेवन करने से कोई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं? यह कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब आगे आने वाले शोधों से मिल सकते हैं।
जब हम वर्नर सिंड्रोम और जल्दी बुढ़ापे की बात करते हैं, तो जलवायु परिवर्तन और आधुनिक जीवनशैली के प्रभावों को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता। बढ़ते प्रदूषण, तनाव और अस्वस्थ खानपान ने हमारे शरीर को जल्दी थकाना शुरू कर दिया है, और यही वजह हो सकती है कि अब लोगों में जल्दी बुढ़ापे के लक्षण दिखने लगे हैं। विटामिन बी 3 के साथ-साथ स्वस्थ जीवनशैली और सही आहार भी इन समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।