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5 स्टार होटल से कम नहीं है पुतिन का ‘फ्लाइंग क्रेमलिन’ विमान, दुनिया भर में सबसे ज्यादा ट्रैक की गई उड़ान!

Flying Kremlin: व्लादिमीर पुतिन का खास विमान ‘फ्लाइंग क्रेमलिन’ (इल्यूशिन IL-96-300PU) भारत आते ही दुनिया की सबसे ज्यादा ट्रैक की जाने वाली फ्लाइट बन गया।

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भारत

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MI Zahir

Dec 05, 2025

Flying Kremlin

व्लादिमीर पुतिन का खास विमान ‘फ्लाइंग क्रेमलिन। (फोटो: X Handle /@imShashankji.)

Flying Kremlin: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जब भी कहीं जाते हैं, उनका खास विमान दुनिया भर की नजरों में छा जाता है। इस बार जब वे भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली पहुंचे, तो उनका यह विमान एक बार फिर दुनिया में सबसे ज्यादा ट्रैक की जाने वाली उड़ान बन गया। लोग इसे प्यार से “फ्लाइंग क्रेमलिन” (Flying Kremlin) कहते हैं। यह कोई अमेरिकी बोइंग या यूरोपीय एयरबस नहीं है। पुतिन का आधिकारिक विमान (Putin Plane) पूरी तरह से रूस में बना इल्यूशिन IL-96-300 है। इस विमान का खास राष्ट्रपति वर्जन IL-96-300PU कहलाता है। “PU” का मतलब रूसी भाषा में “कमान्ड पोस्ट” होता है, यानि उड़ता हुआ कमांड सेंटर। यह विमान असल में क्रेमलिन पैलेस का हवाई प्रेसिडेंशियल हाउस (Russian Presidential Aircraft) है – यानि हवा में उड़ता हुआ पूरा राष्ट्रपति दफ्तर!

1980 के दशक की देन, आज भी सबसे सुरक्षित

गौरतलब है कि इस विमान की कहानी सोवियत संघ के समय से शुरू होती है। पहली बार 1988 में उड़ा और 1993 में सेवा में आया। चार शक्तिशाली PS-90A इंजन लगे हुए हैं, जो इसे 11,000 से 12,000 किलोमीटर तक बिना रुके उड़ाने की ताकत देते हैं। मतलब मॉस्को से दिल्ली, दिल्ली से वॉशिंगटन – एक ही सांस में पहुंच जाते हैं!

हवा में उड़ता हुआ ‘क्रेमलिन पैलेस’

अंदर से यह विमान किसी पांच सितारा होटल से कम नहीं। बैठक कक्ष, बेडरूम, जिम, शावर रूम, मेडिकल सुविधा – सब कुछ है। लेकिन सबसे खास बात ये है कि पुतिन हवा में भी रूस पर पूरा कंट्रोल रख सकते हैं।

एन्क्रिप्टेड सैटेलाइट और रेडियो संचार

-परमाणु हमले की स्थिति में भी काम करने वाला कम्युनिकेशन सिस्टम।
-रूसी सेना, खुफिया एजेंसी और सरकार से सीधा संपर्क।
-जामिंग और हैकिंग से पूरी तरह सुरक्षित तकनीक।
यानि अगर जमीन पर कुछ भी हो जाए, रूस का पूरा कंट्रोल सेंटर हवा में सुरक्षित रहेगा।

पुतिन बोइंग या एयरबस क्यों नहीं चलाते ?

पुतिन ने साफ कहा है – वो सिर्फ रूसी तकनीक पर भरोसा करते हैं। अमेरिकी बोइंग 747 (जैसे एयर फोर्स वन) या यूरोपीय एयरबस इस्तेमाल करने की बजाय वे पूरी तरह देसी विमान पर गर्व करते हैं। यह रूस की आत्मनिर्भरता का भी प्रतीक है।

दिल्ली में क्यों मचा हल्ला ?

जैसे ही पुतिन का विमान भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसा, फ्लाइट रडार पर लाखों लोग इसे लाइव ट्रैक करने लगे। कुछ घंटों में ये दुनिया की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली फ्लाइट बन गई। लोग हैरान थे कि एक विमान इतना खास कैसे हो सकता है!

रूस की ताकत का प्रतीक

“फ्लाइंग क्रेमलिन” सिर्फ एक विमान नहीं, रूस की ताकत, तकनीक और पुतिन की शख्सियत का प्रतीक है। जब यह आसमान में उड़ता है, तो पूरी दुनिया देखती है – रूस अभी भी बुलंदी पर है।