
Lunar Eclipse 2024
Lunar Eclipse 2024: इस साल 2024 में 4 ग्रहण देखने को मिल रहे हैं। इनमें से 2 ग्रहण तो निकल चुके हैं। जिनमें से एक चंद्र ग्रहण था और दूसरा सूर्य ग्रहण था। पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को था। इस बार का ये सूर्य ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024) था जिसे अमेरिका और पश्चिमी देशों में देखा गया था। वहीं 25 मार्च यानी होली (Holi 2024) के दिन साल की पहला चंद्र ग्रहण पड़ा था। ये ग्रहण उत्तर एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान, रूस, आयरलैंड, स्पेन, आर्कटिक महासागर जैसी जगहों पर दिखाई था। वहीं अब बारी है साल के तीसरे ग्रहण की जो चंद्र ग्रहण ही होगा।
साल 2024 का ये तीसरा चंद्र (Lunar Eclipse 2024) ग्रहण सितंबर महीने में लगेगा। 17-18 सितंबर को ये खगोलीय घटना होगी। हालांकि ये ग्रहण खंडग्रास होगा। खगोलीय घटना की जानकारी देने वाली अर्थ स्काई वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक इस चंद्र ग्रहण को सीधे आंखों से देखा जा सकता है कि लेकिन अगर आप इसे माइक्रोस्कोप (Microscope) या दूरबीन से देखेंगे तो ये और भी ज्यादा साफ दिखाई देगा।
इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा (Moon) का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही पृथ्वी की अंधेरी छाया में प्रवेश करेगा। 17-18 सितंबर 2024 का चंद्र ग्रहण चंद्रमा के उपछाया ग्रहण के रूप में दिखाई देगा। यानी दूसरे शब्दों में कहें तो जैसे-जैसे ग्रहण (Lunar Eclipse 2024) आगे बढ़ेगा, आप चंद्रमा पर एक अंधेरी छाया (पृथ्वी की उपच्छाया छाया) दिखाई देगी। जिसके बाद चंद्रमा के एक किनारे से सबसे कम अंधेरी छाया (पृथ्वी की उपच्छाया छाया) दिखाई देगी। ये सब कुछ आप सीधे आंखों से देख सकते हैं।
इस बार के चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2024) में ऐसा संयोग बन रहा है जो कई सालों बाद हुआ है। दरअसल इस चंद्र ग्रहण के दौरान आप शनि ग्रह (Saturn) को भी देख सकते हैं। जी हां…दरअसल ग्रहण के दौरान ये चंद्रमा के बिल्कुल पास ही होगा और अपनी सुनहरी रोशनी से तेजी से चमक रहा होगा। जब ग्रहण के दौरान चंद्रमा को देखेंगे तो ये उसके पास में ही बहुत तेजी से सुनहरे रंग का चमकता हुआ शनि ग्रह दिखाई देगा।
17-18 सितंबर को होने वाला ये चंद्र ग्रहण हिंदू पंचांग की तिथि के मुताबिक भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पड़ेगा। ये सुबह 6.12 बजे से शुरु होगा और 10.17 मिनट पर खत्म हो जाएगा। इसकी अवधि कल 4 घंटे की रहेगी और इसी दौरान दिन में ही तिथि भी बदल जाएगी। ऐसे में चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले का होगा।
17-18 सितंबर को पड़ने वाला ये चंद्रग्रहण दक्षिणी अमेरिका, अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों, पश्चिमी हिंद महासागर, मध्य पूर्व, अफ्रीका, यूरोप, अटलांटिक महासागर और पूर्वी पोलिनेशिया में दिखाई देगा। भारत में ये ग्रहण दिखाई नहीं देगा इसलिए भारत में सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
Updated on:
09 Jun 2024 03:53 pm
Published on:
02 Jun 2024 01:07 pm
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