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WHO का दावा: चीन की वैक्सीन कारगर नहीं, दो के बाद तीसरी डोज भी लगवाने को कहा

WHO के रणनीतिक टीकाकरण पर विशेषज्ञों के सलाहकार समूह ने कहा कि मध्यम और गंभीर रूप से कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को एक अतिरिक्त खुराक दी जानी चाहिए। इन व्यक्ति में टीके के पर्याप्त रूप से प्रतिक्रिया करने की संभावना कम और गंभीर कोविड-19 बीमारी का जोखिम बहुत ज्यादा होता है।  

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Ashutosh Pathak

Oct 12, 2021

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नई दिल्ली।

भारत समेत दुनियाभर के तमाम देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन की दो डोज ली जा रही है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने दावा किया है कि 60 साल से अधिक उम्र के लोग जिन्हें चीनी वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं, उन्हें कोरोना वैक्सीन की एक तीसरी खुराक भी दी जानी चाहिए।

WHO की वैक्सीन एडवाइजरी ने इम्यूनो कॉम्प्रोमाइज्ड यानी कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को WHO की ओर से अधिकृत सभी कोरोना वायरस संक्रमण से बचने की एक अतिरिक्त खुराक देने की सिफारिश की। WHO के रणनीतिक टीकाकरण पर विशेषज्ञों के सलाहकार समूह ने कहा कि मध्यम और गंभीर रूप से कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को एक अतिरिक्त खुराक दी जानी चाहिए। इन व्यक्ति में टीके के पर्याप्त रूप से प्रतिक्रिया करने की संभावना कम और गंभीर कोविड-19 बीमारी का जोखिम बहुत ज्यादा होता है।

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वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि 60 से अधिक लोग, जो चीन की सिनोवैक और सिनोफार्म वैक्सीन लगवा चुके हैं, उन्हें कोविड-19 टीके की तीसरी खुराक दी जानी चाहिए। समूह ने कहा, 'सिनोवैक और सिनोफार्म वैक्सीन के लिए होमोलॉगस वैक्सीन की एक अतिरिक्त यानी तीसरी खुराक 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को दी जानी चाहिए।

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SAGE ने कहा कि इस सिफारिश को लागू करते समय देशों को शुरू में ज्यादा से ज्यादा लोगों को दो खुराक देने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसके बाद तीसरे डोज की तैयारी शुरू करनी चाहिए और सबसे पहले बुजुर्गों की इसकी खुराक देनी चाहिए। विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि वे बड़े पैमाने पर आबादी के लिए एक अतिरिक्त कथित बूस्टर खुराक की सिफारिश नहीं कर रहे हैं।