
भारत के रूस से तेल खरीदने पर पश्चिमी देशों को आपत्ति है। (फोटो: X Handle Megh Updates.)
India Russia oil imports 2025: भारत रूस से तेल खरीदता (India Russia oil trade) है तो पश्चिमी देशों को बुरा लगता है। दरअसल जब रूस ने 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था, तब अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। उाका उद्देश्य था रूस की आय के मुख्य स्रोत – तेल और गैस को नुकसान पहुंचाना, लेकिन भारत ने इन प्रतिबंधों का समर्थन करने के बजाय, रूस ( Russia) से बड़ी मात्रा में सस्ता तेल (India oil imports 2025) खरीदना जारी रखा। इससे पश्चिमी देशों को ऐसा लगा कि भारत का यह कदम रूस को आर्थिक राहत देने जैसा है। इसके अलावा, वे भारत को एक रणनीतिक सहयोगी मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि वह उनकी लाइन पर ही चले। इस मामले में भारत ( India) का पक्ष का पक्ष यह है कि भारत ने साफ किया कि वह अपनी ऊर्जा ज़रूरतों के आधार पर निर्णय लेता है और किसी दबाव में आकर अपनी अर्थव्यवस्था को खतरे में नहीं डाल सकता।
भारत ने हाल के वर्षों में रूस से कच्चे तेल की खरीद में जबरदस्त वृद्धि की है।
सन 2023–24 में: भारत ने प्रतिदिन लगभग 1.57 मिलियन बैरल तेल रूस से खरीदा, जो कुल आयात का लगभग 35% था।
सन 2025 की पहली छमाही में: यह संख्या बढ़कर 1.75 मिलियन बैरल प्रतिदिन तक पहुंच गई।
सन जून 2025: भारत ने रूस से 2.08 मिलियन बैरल प्रतिदिन तेल खरीदा, जो एक रिकॉर्ड स्तर है।
रूस भारत के सबसे बड़े तेल आपूर्तिकर्ताओं में नंबर 1 बन गया है।
वैश्विक स्तर पर 100 से अधिक देश कच्चे तेल का उत्पादन करते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही देश उत्पादन के मामले में शीर्ष पर हैं।
| क्रम | देश | तेल उत्पादन (मिलियन बैरल/दिन) | भारतीय संख्या में |
|---|---|---|---|
| 1 | 🇺🇸 अमेरिका | 22 मिलियन बैरल/दिन | 2 करोड़ 20 लाख बैरल/दिन |
| 2 | 🇸🇦 सऊदी अरब | 11.1 मिलियन बैरल/दिन | 1 करोड़ 11 लाख बैरल/दिन |
| 3 | 🇷🇺 रूस | 10.7 मिलियन बैरल/दिन | 1 करोड़ 7 लाख बैरल/दिन |
| 4 | 🇨🇦 कनाडा | 5.5 मिलियन बैरल/दिन (लगभग) | 55 लाख बैरल/दिन |
| 5 | 🇨🇳 चीन | 4.1 मिलियन बैरल/दिन (लगभग) | 41 लाख बैरल/दिन |
| 6 | 🇮🇶 इराक | 4.0 मिलियन बैरल/दिन | 40 लाख बैरल/दिन |
| 7 | 🇦🇪 यूएई | 3.6 मिलियन बैरल/दिन | 36 लाख बैरल/दिन |
| 8 | 🇧🇷 ब्राज़ील | 3.3 मिलियन बैरल/दिन | 33 लाख बैरल/दिन |
| 9 | 🇮🇷 ईरान | 3.1 मिलियन बैरल/दिन | 31 लाख बैरल/दिन |
| 10 | 🇮🇳 भारत | 0.7 मिलियन बैरल/दिन | 7 लाख बैरल/दिन |
वैश्विक बाजार में लगभग 60 से अधिक देश तेल का निर्यात करते हैं, लेकिन निर्यात का मुख्य हिस्सा कुछ चुनिंदा देशों के हाथ में है।
सऊदी अरबरूस,इराकUAE,अमेरिका।
OPEC और OPEC+ देश मिलकर अंतरराष्ट्रीय तेल आपूर्ति और कीमतें नियंत्रित करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
हर देश में तेल निकालने की लागत अलग-अलग है, जो भूगर्भीय स्थिति, तकनीक और श्रम लागत पर निर्भर करती है। तेल निकालने की लागत हर देश में अलग होती है, जो वहां की भूगर्भीय संरचना, तकनीकी सुविधा, और मानव संसाधन लागत पर निर्भर करती है। नीचे वे देश दिए गए हैं, जहां कच्चे तेल का उत्पादन सबसे कम लागत में होता है:
नोट: खाड़ी देशों की लागत सबसे कम है, इसलिए वे दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक भी हैं।
| देश | उत्पादन लागत ($ में) | भारतीय रुपये में (₹)* |
|---|---|---|
| सऊदी अरब | $8.98 | ₹748 |
| ईरान | $9.08 | ₹754 |
| इराक | $10.57 | ₹877 |
| रूस | $19.21 | ₹1,594 |
| अमेरिका (शेल) | $40 – $60 | ₹3,320 – ₹4,980 |
भारत ने साफ कर दिया है कि वह किसी के दबाव में अपनी ऊर्जा रणनीति तय नहीं करेगा। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी का तीखा बयान (Vikram Doraiswami oil remark) "क्या आप चाहते हैं कि हम अपनी अर्थव्यवस्था बंद कर दें?" यह बयान केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भर ऊर्जा नीति का स्पष्ट संदेश है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की यह प्रतिक्रिया कई देशों को यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या पश्चिम खुद दोहरी नीति अपना रहे हैं?
—भारत क्या रूसी तेल आयात घटाने के विकल्पों पर विचार कर रहा है?
—क्या अमेरिका और यूरोप भारत पर परोक्ष दबाव बना रहे हैं?
—भारत-रूस ऊर्जा साझेदारी का अगला चरण क्या होगा?
—चीन की तुलना में भारत की नीति कितनी संतुलित है?
—क्या भारत G7 देशों की किसी नई ऊर्जा रणनीति में भागीदार बनेगा?
कई यूरोपीय देश अब भी रूस से गैस खरीद रहे हैं, पर भारत की आलोचना करते हैं।
लोकल vs ग्लोबल जिम्मेदारी
भारत की 140 करोड़ आबादी के लिए सस्ती ऊर्जा की ज़रूरत वैश्विक छवि से कहीं अधिक अहम है।
ईरान-रूस-भारत एनर्जी ट्रायंगल
पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच भारत एक नई ऊर्जा धुरी बनाता दिख रहा है।
वैश्विक तेल व्यापार का भू-राजनीतिक खेल
भारत की कूटनीति कैसे संतुलन साध रही है ?
इनपुट क्रेडिट: ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी का इंटरव्यू,एनर्जी एंड क्लीन एयर.ओआरजी।
Published on:
28 Jul 2025 05:14 pm
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