
Saint Martin Island
Why is so importantSaint Martin Island: बंगाल की खाड़ी में मात्र 3 वर्ग किलोमीटर में फैला बांग्लादेश का सेंट मार्टिन द्वीप शेख हसीना (Bangladesh Ex. PM Sheikh Hasina) के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के साथ ही चर्चा का विषय बन गया है। हसीना ने दावा किया है कि यदि उन्होंने सेंट मार्टिन को अमरीका को दे दिया होता तो वे सत्ता में बनी रह सकती थीं। क्या है सेंट मार्टिन द्वीप से जुड़ा विवाद और क्यों है अमेरिका की इस पर नजर?
वर्ष 1971 में बांग्लादेश के अस्तित्व में आने के बाद से सेंट मार्टिन द्वीप बांग्लादेश की राजनीति पर हावी रहा है। पिछले साल जून में शेख हसीना ने आरोप लगाया था कि अमरीका चुनावों में विपक्षी पार्टी बीएनपी की जीत के बदले सेंट मार्टिन द्वीप पर कब्जा करके वहां सैन्य अड्डा बनाना चाहता है। उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर बीएनपी सत्ता में आती है तो वह इस द्वीप को अमेरिका को बेच देगी। अमेरिका ने इन आरोपों का खंडन किया।
कहां स्थित है यह द्वीप
बंगाल की खाड़ी के उत्तरपूर्वी भाग में स्थित सेंट मार्टिन द्वीप म्यांमार के पास बांग्लादेश के सबसे दक्षिणी प्रायद्वीप कॉक्स बाजार-टेकनाफ के सिरे से लगभग नौ किलोमीटर दक्षिण में बांग्लादेश का एकमात्र प्रवाल द्वीप है। नारियल के पेड़ों की बहुतायत के चलते इसे 'नारिकेल जिंजीरा' भी कहते हैं। द्वीप का क्षेत्रफल केवल तीन वर्ग किलोमीटर है और इसमें लगभग 3,700 निवासी रहते हैं। मुख्य काम मछली पकड़ने, चावल की खेती, नारियल की खेती और समुद्री शैवाल की कटाई हैं। सभी सामान म्यांमार को निर्यात होता है।
छोटे आकार के बावजूद सेंट मार्टिन में सैन्य अड्डा बनाने का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इससे अमेरिका की मलक्का जलडमरूमध्य पर मजबूत रणनीतिक उपस्थिति बन जाएगी, जिसका उपयोग चीनी मुख्य रूप से अपने परिवहन के लिए करते हैं। यह द्वीप बांग्लादेश में कॉक्स बाजार बंदरगाह के लिए भी एक बाधा बन जाएगा जिसे चीन बना रहा है। अमेरिका द्वीप को एक निगरानी चौकी में बदल सकता है जिससे चीन, म्यांमार सहित भारत की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकती है।
समुद्री कानून के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने सेंट मार्टिन को बांग्लादेश का हिस्सा माना है, लेकिन म्यांमार इसे अपना क्षेत्र मानता है। वर्ष 2018 में म्यांमार ने सेंट मार्टिन द्वीप को अपने आधिकारिक मानचित्र में शामिल किया था। ऐतराज के बाद म्यांमार की तत्कालीन सरकार ने इसे हटा दिया था, लेकिन तख्तापलट कर आई सैन्य सरकार द्वीप की ओर जाने वाले जहाजों पर गोलीबारी करती है। इससे बांग्लादेशी नौसेना को द्वीप के निकट अपने जहाज तैनात करने पर मजबूर होना पड़ा।
Updated on:
14 Aug 2024 03:00 pm
Published on:
12 Aug 2024 01:37 pm
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