11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अगले साल अफगानिस्तान में आने वाला है सबसे बड़ा संकट, एक्टिव हुआ UN, क्या है पाकिस्तान कनेक्शन?

अफगानिस्तान में अगले साल दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संकट आने की संभावना है। यूएन के टॉम फ्लेचर ने बताया कि कई झटकों ने अफगानिस्तान को गंभीर संकट में डाल दिया है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Mukul Kumar

Dec 11, 2025

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी। (फोटो- IANS)

अफगानिस्तान में अगले साल दुनिया का सबसे बड़ा संकट आने वाला है। मानवीय मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के अंडर-सेक्रेटरी-जनरल और इमरजेंसी रिलीफ कोऑर्डिनेटर टॉम फ्लेचर ने यह भविष्यवाणी की है।

उन्होंने अफगानिस्तान में मानवीय संकट को लेकर पहले से तैयार रहने की सलाह दी है। फ्लेचर ने बुधवार को बताया कि एक साथ कई झटकों ने अफगानिस्तान को एक गंभीर मानवीय संकट में डाल दिया है।

इन वजहों से अफगानिस्तान को नुकसान

महिलाओं और लड़कियों पर लगाई गईं पाबंदियों वाली नीतियां, दशकों के संघर्ष और गरीबी के साथ इस साल फंडिंग में भारी कटौती ने अफगानिस्तान को बुरे दौर में भेज दिया है।

फ्लेचर ने यह भी जानकारी दी है कि 2026 में अफगानिस्तान में लगभग 2.2 करोड़ लोगों को सहायता की जरूरत होगी। इसी तरह यह सूडान और यमन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मानवीय संकट वाला देश बन जाएगा।

1.7 बिलियन डॉलर की मांग

फ्लेचर ने कहा- हमारी मांग 17.5 मिलियन लोगों को टारगेट करने के लिए 1.7 बिलियन डॉलर है। लेकिन फंडिंग की असलियत को देखते हुए हमने अपनी योजना को और भी ज्यादा प्राथमिकता दी है ताकि जीवन बचाने वाली मदद की सबसे ज्यादा जरूरत वाले 3.9 मिलियन लोगों को टारगेट किया जा सके।

उन्होंने बताया कि चार सालों में पहली बार अफगानिस्तान में भूख का सामना करने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। यह अब 17.4 मिलियन तक पहुंच गई है। इसके अलावा, देश की जरूरी सेवाएं पहले से ही चरमरा रही हैं क्योंकि अफगान के शरणार्थी भारी संख्या में वापस लौट रहे हैं।

2 सालों में वापस लौटने वालों की संख्या 4 मिलियन से ज्यादा

इस साल 2025 में 2.6 मिलियन से ज्यादा अफगानी शरणार्थी वापस लौटे। इस आंकड़े को मिलाकर पिछले दो सालों में लौटने वालों की संख्या 4 मिलियन से ज्यादा हो गई है। बता दें कि वापस लौटने वालों के लिए स्थिति अफगानिस्तान में भयावह है।

फ्लेचर ने कहा कि इस साल जो लोग वापस लौटे हैं। उनमें 60 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं। खास बात यह है कि शरणार्थी ऐसे देश में वापस लौट रहे हैं, जहां महिलाओं और लड़कियों को पढ़ाई, काम करने और कुछ मामलों में स्वास्थ्य सेवा पाने से भी वंचित रखा जाता है।

पाकिस्तान में क्या है अफगानी शरणार्थी की स्थिति

फ्लेचर ने बताया है कि पाकिस्तान में 2.5 मिलियन अफगानी लोग हैं। कुछ ही दिनों पहले वहां इनमें से ज्यादातर लोगों का कानूनी दर्जा खत्म कर दिया गया है। ऐसे में अनुमान है कि पाकिस्तान से और बड़े पैमाने पर लोगों की वापसी होगी। जो चिंताजनक है

40 मिलियन डॉलर से ज्यादा की अतिरिक्त फंडिंग

फ्लेचर ने कहा कि सीमित फंडिंग के बावजूद संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगी अफगानिस्तान में अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा, उन्हें हर तरह की मदद पहुंचा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष ने 40 मिलियन डॉलर से ज्यादा की अतिरिक्त फंडिंग जारी की है। जिससे स्थिति कुछ हद तक संभल सकती है।