
वर्ल्ड वेगन डे प्रतिवर्ष 1 नवंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य मनुष्य द्वारा अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जानवरों के शोषण को रोकना है। हालांकि वर्ल्ड वेगन डे को पूरी तरह से विश्व शाकाहारी दिवस नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वेगन आहार के प्रवक्ता दूध और दही सभी प्रकार के डेयरी उत्पादों के आहार को भी वर्जित मानते हैं। लेकिन अगर वेगन आहार को मांसाहार के विरोध के रूप में देखा जाए तो इसको बेहतर तरीके से समझा जा सकता है। हर साल की तरह इस साल भी वर्ल्ड वेगन डे पर एक थीम रखी गई है। इस साल की थीम पशु अधिकार केंद्रित अभियान 'फ्यूचर नॉर्मल' पर आधारित है। जैसा कि सर्वविदित है, शाकाहारी होने के नाते पौधे या हरियाली आधारित आहार का पालन करना और मांस और किसी भी प्रकार के पशु उत्पादों से बिल्कुल भी बचना इस अभियान का लक्ष्य है। यहां हम आपको बता रहे हैं वेगन आहार के कुछ फायदे और नुकसान हैं जिनके बारे में आप शायद नहीं जानते होंगे।
फायदे और नुकसान
सबसे पहले बात करते हैं उन आम मान्यताओं के बारे में, कुछ रिसर्च के बारे में जो कि मांसाहारी और शाकाहारी भोजन के फायदे और नुकसान बताते हैं ---सबसे पहले बताते हैं, इसके फायदे ---
1. ब्लड शुगर के स्तर में सुधार: शाकाहारी या शाकाहारी आहार का पालन करने से रक्त शर्करा या ब्लड शुगर के स्तर और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद मिल सकती है क्योंकि शाकाहारी खाद्य पदार्थ में संतृप्त वसा या सैटुरेटिड फैट कम और फाइबर अधिक होते हैं।
2. हृदय रोग की संभावना कम: कई अध्ययनों ने शाकाहार को बेहतर कोलेस्ट्रॉल के स्तर, कम सूजन और हृदय रोग की कम दरों से जोड़ा गया है। अध्ययनों से यह सामने आया है कि अन्य वेजीटेरियंस की तुलना में, वीगन लोग पतले (कम बीएमआई) होते हैं और उनके शरीर में टोटल एवं एलडीएल कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है, उनका ब्लड प्रेशर का लेवल भी नीचे रहता है। सभी प्रकार की खुराक लेने वाले (ऑम्नीवोर्स) के मुकाबले वीगंस अपनी खुराक में अधिक मात्रा में फलों एवं सब्जियों का सेवन करते हैं, जिनमें फाइबर, फॉलिक एसिड, एंटीऑक्सीडेंट्स तथा फाइटोकेमिकल्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, उन्हें स्ट्रोक का खतरा कम होता है और इनमें स्ट्रोक तथा इस्केमिक हार्ट रोगों की वजह से मृत्यु की आशंका भी घट जाती है।
3. जल्दी वजन घटाने में मददगार - जिन लोगों को वजन घटाना है, उनके लिए यह बेस्ट डाइट कही जाती है। वीगन डाइट में फाइबर और प्रोटीन दोनों शामिल होते हैं। जो भी स्वस्थ तरीके से अपना वजन घटना चाहते हैं उनके लिए ये मददगार साबित होती है। मांस और किसी भी प्रकार के पशु उत्पादों का सेवन नहीं करने और शाकाहारी आहार का पालन करने से आपको अपना वजन कम करने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है क्योंकि इसमें विभिन्न प्रकार के पौष्टिक भोजन शामिल हैं। इससे बॉडी को कैलोरी तो मिलती है, लेकिन फैट जमा नहीं होता।
4. कम होता कैंसर का खतरा – अध्ययनों से यह सामने आया है कि मांसाहारी (नॉन-वेजीटेरियन) लोगों को कोलोरेक्टल या प्रोस्टेट कैंसर की आशंका अधिक होती है। वेजीटेरियन डाइट में कैंसर से बचाव वाले डाइट्री फैक्टर्स होते हैं। मोटापे की वजह से भी कई बार शरीर के कुछ खास अंगों में कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। आमतौर पर, वीगन डाइट लेने वाले लोगों का औसत बीएमआई नॉन-वेजीटेरियंस की तुलना में काफी कम होता है, जो कि कैंसर के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
नुकसान की आशंकाएं
आयरन की कमी: शाकाहारी और शाकाहारियों को आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया का खतरा अधिक होने की आशंका रहती है। पादप खाद्य पदार्थों में गैर-हीम आयरन नामक एक लोहा होता है जो शरीर द्वारा बहुत कम अवशोषित होता है।
बढ़ता है लीकी आंत का खतरा: शाकाहारी भोजन में प्रचुरता से हरी सब्जी की फलियों का सेवन किया जाता है। ये फलियाँ लेक्टिन और फाइटल्स सहित एंटीन्यूट्रिएंट्स से भरी होती हैं जो आंतों की पारगम्यता को बढ़ाती हैं, जिसे लीकी गट के रूप में भी जाना जाता है। यानी इससे आंतें जल और पोषक तत्वों के अलावा हानिकारक तत्वों जैसे बैक्टीरिया आदि को भी आंतों में अवशोषित करना आरंभ कर देते हैं।
अवसाद का बढ़ा जोखिम: कई अध्ययनों ने शाकाहार को अवसाद से जोड़ा है। शाकाहारी लोगों को अवसाद का अधिक खतरा हो सकता है क्योंकि उनके आहार में ओमेगा -3 फैटी एसिड के खाद्य स्रोत में तेज गिरावट होती है जो मछली या मछली के तेल में पाए जाते हैं।
शाकाहार भोजन के फायदे ही फायदे: पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, आईएमए
आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और राजस्थान हॉस्पिटल के चेयरमैेन डॉक्टर एसएस अग्रवाल ने पत्रिका को बताया कि शाकाहारी भोजन के फायदे ही फायदे हैं। अग्रवाल ने बताया कि कई शोधों से ये प्रमाणित हो चुका है कि शाकाहारी भोजन में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कि शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है।
अग्रवाल ने बताया कि ये भी डाटा से प्रमाणित हो चुका है कि शाकाहारी अपेक्षाकृत लंबी उम्र जीवन जीते हैं और उनको लाइफ स्टाइल जनित रोगों का खतरा बेहद कम होता है। अग्रवाल ने बताया कि ये कहना कि शाकाहारी भोजन में औमेगा थ्री या विटामिन बी-12 नहीं होता, उचित नहीं है। अग्रवाल ने बताया कि शाकाहारी लोग अपने भोजन में कद्दू के बीज, खरबूज के बीज, अलसी के बीज और बादाम आदि शामिल करें। दूध-दही का उचित मात्रा में सेवन करें। इन चीजों के सेवन से वे सभी प्रकार के माइक्रो न्यूट्रियंट अपने भोजन में हासिल कर सकते हैं।
पूर्ण आहार है शाकाहार: सह आचार्य, आईएमए
जयपुर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में सह-आचार्य डॉक्टर गोपेश मंगल ने बताया कि अगर अगर हम शाकाहारी भोजन , जिसमें दूश-दही भी शामिल होता है तो इससे पूर्ण दूसरा कोई आहार नहीं है। यह न केवल मनुष्य बल्कि प्रकृति के लिए भी बेहतर है। डॉक्टर मंगल के अनुसार अपने भोजन में अखरोट, तिल, बादाम जैसे नट जरूर शामिल करें। हमारे कच्ची धानी के खाद्य तेलों में पर्याप्त पोशक तत्व होते हैं। साथ ही मंगल ने पत्रिका को बताया कि शरीर में विटामिन डी की उचित मात्रा को पूरा करने के लिए सन एक्पोजर, दूध, और खीर (जिसमें चावल, दूध, नट्स आदि सभी कुछ होता है) लेना चाहिए। आयरन की कमी के लिए उन्होंने बताया कि आयरन कड़ाही में खाना बनाएं। मंगल के अनुसार कॉस्ट आयरन -पिटवा आयरन की कड़ाही तो आजकल तेजी से चलन में बढ़ रही है।
Published on:
01 Nov 2022 05:25 pm
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