
16 नवंबर, शक्रवार को गोपाष्टमी मनाई जाती है। बर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन विशेष तौर पर गौ, ग्वाल और श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। गाय माता में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता हैं। इसलिए ही श्री कृष्ण ने गाय माता के पूजन आदि के लिए और उनको समाज के अत्याचारों से दूर करने के लिए इस गोपाष्टमी नामक त्यौहार की शुरूआत की। गाय को हिन्दू धर्म में पूजनीय माना गया है। मुख्यतः गोपाष्टमी का महत्व ब्रजवासियों और वैष्णवों के लिए ज्यादा माना जाता है। इस दिन को वे महापर्व के रुप में मनाते हैं। यही वह दिन है जब भगवान श्रीकृष्ण पहली बार गौ चारण के लिए निकले थे और इसी दिन से कृष्ण लीला शुरु हुई थी। सबसे पहली बार गौ चारण के कारण से ही इस दिन का नाम गोपाष्टमी पड़ा है। आइए जानते है गोपाष्टमी शुभ मुहूर्त व पूजा विधि...
गोपाष्टमी - 15 नवंबर 2018 को सुबह 07:04 से प्रारंभ होकर 16 नवंबर 2018 को सुबह 09:40 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।
यह है गोपाष्टमी पूजन विधि
8. शाम को परिक्रमा के बाद गायों के जंगल से वापस लौटने पर उनके चरणों को धोकर तिलक लगाएं।
Published on:
15 Nov 2018 02:59 pm
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