
Kawad Yatra 2025 Date (फोटो सोर्स : AI/Freepik)
Kawad Yatra 2025 Date : सावन आते ही माहौल में कुछ अलग ही खुमारी छा जाती है ऊपर से कांवड़ यात्रा का नाम सुन लो तो दिल-दिमाग दोनों में एकदम जोश भर जाता है। ये कोई आम यात्रा नहीं है ये तो शिवभक्तों के लिए जैसे साल का सबसे बड़ा महोत्सव है। आस्था का असली इम्तिहान और भक्ति का त्योहार है कांवड़ यात्रा। अगर 2025 में आपने भी कांवड़ उठाने का मन बना लिया तो चलो थोड़ी काम की बातें कर लेते हैं। आखिर कब से शुरू (Kawad Yatra 2025 Date) हो रहा है ये सफर? जलाभिषेक का बेस्ट टाइम कौन सा है? और सबसे खास दिन कौन सा रहेगा ये सब जानना जरूरी है।
काशी के ज्योतिषियों की मानें तो 2025 में (Kawad Yatra 2025 Date) सावन की शुरुआत 11 जुलाई, शुक्रवार से हो रही है। उसी दिन से कांवड़िए भी शिवभक्ति के रंग में डूबने के लिए तैयार हो जाएंगे। इसी दिन से कांवड़ यात्रा का बिगुल बज जाएगा। अब पंचांग की मानें तो श्रावण कृष्ण प्रतिपदा 11 जुलाई को तड़के 2:06 बजे शुरू होकर अगले दिन 12 जुलाई को 2:08 बजे तक चलेगी। उदयातिथि का जो रूल है उससे 11 जुलाई को ही सावन का पहला दिन फाइनल है। तो इसी दिन से कांवड़िए बम बम भोले के जयकारों के साथ शुरू हो जाओगे शिव की राह पर।
इस बार की कांवड़ यात्रा पूरे 13 दिन चलेगी। शुरूआत होगी सावन कृष्ण प्रतिपदा से (Kawad Yatra 2025 Date) और खत्म होगी सावन कृष्ण चतुर्दशी को मतलब शिवरात्रि तक पूरा धमाल मचेगा । वैसे शिवरात्रि चतुर्दशी के खास दिन पर है। लोग उसी दिन जलाभिषेक करते हैं। पूरे सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाना तो वैसे भी अच्छा ही माना जाता है पर कांवड़िए के लिए इस दिन का अलग ही इंतजार करते हैं। 11 जुलाई से शुरू हुई यह पावन यात्रा 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि के दिन समाप्त होगी।
भगवान शिव तो स्वयं महाकाल हैं, उन पर काल का कोई प्रभाव नहीं होता। इसलिए उनकी पूजा में राहुकाल या अन्य किसी अशुभ मुहूर्त की गणना नहीं की जाती है। सावन में ब्रह्म मुहूर्त से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ लग जाती है, और जलाभिषेक का क्रम पूरे दिन चलता है। कांवड़ यात्री भी ब्रह्म मुहूर्त से लेकर पूरे दिन कभी भी जलाभिषेक कर सकते हैं।
सावन सोमवार – शिवजी को सोमवार से कुछ अलग ही लगाव है। सावन में तो ये दिन और भी खास हो जाता है। लोग व्रत रखते हैं, जल चढ़ाते हैं – इस दिन पूजा-पाठ करने से सौभाग्य मिलता है।
सावन प्रदोष व्रत – अब प्रदोष का टाइम तो वैसे भी शिव पूजा के लिए विशेष दिन है। सावन में जब प्रदोष व्रत आता है तब तो मानो मंदिरों में भक्तों की लाइन लग जाती है। इस दिन अगर जलाभिषेक किया जाए तो सभीख्वाहिशें पूरी हो जाती हैं।
सावन शिवरात्रि – वैसे तो महाशिवरात्रि का अपना ही लेवल है लेकिन सावन की शिवरात्रि भी कम नहीं। असल में कांवड़ियों की पूरी यात्रा का अंतिम दिन होता है। व्रत, पूजा, और भोलेनाथ को खुश करने करने का दिन।
सावन सोमवार व्रत कथा
14 जुलाई, 2025: पहला सावन सोमवार व्रत
21 जुलाई, 2025: दूसरा सावन सोमवार व्रत
22 जुलाई, 2025: सावन प्रदोष व्रत
23 जुलाई, 2025: सावन शिवरात्रि (कांवड़ यात्रा का समापन)
28 जुलाई, 2025: तीसरा सावन सोमवार व्रत
4 अगस्त, 2025: चौथा सावन सोमवार व्रत
Updated on:
27 Jun 2025 12:03 pm
Published on:
27 Jun 2025 12:00 pm
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