
Sawan 2025 Shiv Puja Vidhi : सावन के महीने में शिव को प्रसन्न करने के 14 अचूक उपाय और वो 4 चीजें जो भूलकर भी न चढ़ाएं (फोटो सोर्स: AI Image/Gemini)
Sawan 2025 Shiv Puja Vidhi : 11 जुलाई 2025 से हिंदू पंचांग का पांचवां महीना सावन शुरू हो गया है। सावन का नाम आते ही शिव भक्तों के मन में उत्साह की लहर दौड़ जाती है। इस पूरे महीने शिव मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें देखी जाती हैं, जो भोलेनाथ का जलाभिषेक करने को आतुर रहते हैं। ऐसी मान्यता है कि सावन में स्वयं महादेव धरती पर आते हैं और सृष्टि का संचालन करते हैं। ऐसे में सावन के इस विशेष महीने में शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना और भोलेनाथ को उनकी प्रिय चीजें अर्पित करना मनोवांछित फल देता है।
सावन में शिव जी (Sawan 2025 Shiv Puja Vidhi) की पूजा का तो अलग ही लेवल है। पुरानी किताबें और दादी-नानी की कहानियां बताती हैं कि अगर इन 14 चीजों को शिवलिंग पर चढ़ा दो, तो भोलेनाथ एकदम खुश हो जाते हैं! मतलब मनचाही मुरादें पूरी और जो भी लाइफ में गड़बड़झाला है वो भी दूर। ये चढ़ावे न केवल आध्यात्मिक शांति देते हैं, बल्कि जीवन की बाधाओं को दूर कर सुख-समृद्धि भी लाते हैं:
1. जल: सबसे सरल और शिव जी को सबसे प्रिय। अगर कुछ भी उपलब्ध न हो, तो बस एक लोटा जल ही भोलेनाथ को प्रसन्न कर देता है। कहा जाता है, 'जल ही जीवन है' और महादेव जल से ही संतुष्ट हो जाते हैं।
2.पंचामृत: जल चढ़ाने से पहले महादेव को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण) अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह भगवान शिव को स्नान कराने जैसा है जो महादेव की दिव्यता को दर्शाता है।
3. दूध: दूध भी शिवजी को अत्यंत प्रिय है। दूध चढ़ाने से शारीरिक कष्ट दूर होते हैं और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
4. दही: दही अर्पित करने से जीवन में स्थिरता और समृद्धि आती है।
5. घी: घी चढ़ाने से शक्ति और तेज बढ़ता है और जीवन में प्रकाश आता है।
6. शहद: शहद अर्पित करने से वाणी में मिठास आती है और जीवन में मधुरता घुल जाती है।
7. इत्र (सुगंध): भगवान महादेव को इत्र बहुत पसंद है। इसे चढ़ाने से मन शांत होता है और पॉजिटिव ऊर्जा का संचार होता है।
8. बेलपत्र: बेलपत्र भगवान शिव को सबसे प्रिय है। मान्यता है कि बेलपत्र के तीनों में ब्रह्मा, विष्णु और महेश निवास करते हैं। इसे चढ़ाने से जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश होता है।
9. धतूरा: धतूरा शिव का प्रिय माना जाता है क्योंकि यह विषपान का प्रतीक है जो भगवान शिव ने संसार की रक्षा के लिए किया था। इसे चढ़ाने से शत्रु बाधाएं दूर होती हैं।
10. आक या चमेली का फूल: आक के फूल शिव को बहुत पसंद हैं। इसे चढ़ाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। चमेली का फूल सौभाग्य और प्रेम का प्रतीक है जो संबंधों में मधुरता लाता है।
11. गन्ने का रस: गन्ने का रस चढ़ाने से जीवन में सुख-समृद्धि और धन में वृद्धि होती है।
12. गंगाजल: गंगाजल अर्पित करना मोक्ष और पवित्रता का प्रतीक है। यह सभी पापों से मुक्ति दिलाता है।
13. सरसों का तेल: सरसों का तेल चढ़ाने से शनि दोष शांत होते हैं और रोगों का नाश होता है।
14. कुशा जल: कुशा से बने जल को अर्पित करने से शारीरिक और मानसिक शुद्धता प्राप्त होती है।
ज्योतिष शास्त्र वाले कहते हैं कि सावन में अगर शिवलिंग (Sawan 2025 Shiv Puja Vidhi) पर ये 14 चीजें चढ़ा दी तो समझो जिंदगी के सारे झंझट बीमारियां, दुख, दुश्मन, पुराने पाप सब छू मंतर और सिर्फ इतना ही नहीं, पैसों की बरसात, नाम-शोहरत, अच्छे बच्चे, तगड़ी सेहत, तेज दिमाग, ढेर सारा प्यार, गाड़ी, बंगला मतलब हर खुशी मिलने लगती है।
Sawan 2025 Shiv Puja Vidhi: सावन महीने में भगवान शिव की पूजा कैसे करें
जिस प्रकार कुछ चीजें महादेव को अत्यंत प्रिय हैं उसी प्रकार कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिन्हें शिव पूजा में बिलकुल वर्जित माना गया है। इन्हें चढ़ाने से पूजा का फल नहीं मिलता और भगवान रुष्ट हो सकते हैं:
1. कुमकुम (सिंदूर): शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव पर सिंदूर चढ़ाना वर्जित है। सिंदूर को सौभाग्य और सुहाग का प्रतीक माना जाता है जिसका उपयोग महिलाएं करती हैं। चूंकि भगवान शिव वैरागी हैं और वे सौंदर्य या सौभाग्य के लौकिक प्रतीकों से परे हैं इसलिए उन्हें कुमकुम नहीं चढ़ाया जाता।
2. हल्दी: ज्योतिष के अनुसार, हल्दी का संबंध सौभाग्य, सौंदर्य और भगवान विष्णु से है। जबकि शिवलिंग को पौरुष और वैराग्य का प्रतीक माना जाता है। इसलिए शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना भी अशुभ माना जाता है।
3. केतकी का फूल: पौराणिक कथाओं के अनुसार, केतकी के फूल को भगवान शिव ने श्राप दिया था। ब्रह्मा और विष्णु के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद हुआ था। ब्रह्मा जी ने झूठ बोला कि उन्होंने शिव के सिर का अंत देख लिया है और इस झूठ में केतकी के फूल ने उनकी गवाही दी थी। इससे क्रोधित होकर शिव ने केतकी को श्राप दिया कि उसे कभी उनकी पूजा में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इसीलिए शिव पूजा में केतकी का फूल वर्जित है।
4. नारियल पानी: ज्योतिष के अनुसार, नारियल को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। चूंकि भगवान शिव पर सिर्फ 'शुद्ध' चीजें ही अर्पित की जाती हैं और नारियल को भोग के रूप में ग्रहण किया जाता है, इसलिए शिवलिंग पर नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव पर केवल वही चीजें चढ़ाई जाती हैं, जिन्हें बाद में स्वयं ग्रहण नहीं किया जाता (जैसे जल, बेलपत्र)।
पूरा सावन का महीना ही जप-तप-ध्यान के लिए श्रेष्ठ है लेकिन सोमवार की तो बात ही अलग है। सोमवार मतलब चांद का दिन और चांद के स्वामी खुद शिवजी हैं। अब ऐसे में सोमवार को पूजा-पाठ करोगे तो सिर्फ चांद ही नहीं, भोलेनाथ की भी दया बरसेगी।
Updated on:
26 Jun 2025 04:05 pm
Published on:
26 Jun 2025 04:02 pm
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