
Maa Katyayani Ke Mantra: मां कात्यायनी के मंत्र
Ma Katyayani Puja Vidhi: नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। इन्हें ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण कात्यायनी कहा जाता है। इस स्वरूप को माता पार्वती ने महिषासुर दैत्य का अंत करने के लिए धारण किया था। यह देवी पार्वती का सर्वाधिक हिंसक रूप है। इन्हें योद्धा देवी के रूप में भी जाना जाता है।
देवी कात्यायनी का यह स्वरूप क्रोध के सकारात्मक उपयोग को प्रदर्शित करता है। इनकी पूजा के लिए क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नमः या ऊं देवी कात्यायन्यै नमः मंत्र जपना चाहिए। साथ ही देवी कात्यायनी को मधु अर्थात शहद का प्रसाद अर्पित करना चाहिए। इनकी पूजा नवरात्रि के छठें दिन की जाती है। इस दिन मां कात्यायनी के उपाय जरूर करना चाहिए।
Maa Katyayini Swaroop: हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार देवी कात्यायनी बृहस्पति ग्रह को शासित करती हैं। देवी कात्यायनी को विशाल दैवीय सिंह पर आरूढ़ और चतुर्भुज रूप में दर्शाया जाता है। देवी कात्यायनी अपने बाएं हाथों में कमल पुष्प और तलवार धारण करती हैं और दाहिने हाथों को अभय मुद्रा और वरद मुद्रा में रखती हैं। इस देवी का प्रिय पुष्प लाल है, विशेष रूप से गुलाब के लाल फूल इन्हें प्रिय हैं।
1. मां कात्यायनी की पूजा सुबह करने के बाद दोबारा गोधूलि वेला में करने का नियम है।
2. गोधूलि वेला में पीले या लाल कपड़े पहनकर मां कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए।
3. मां कात्यायनी की फोटो कलश के पास रखकर पहले कलश की पूजा करें, गणेशजी व अन्य देवताओं का ध्यान करें, फिर मां की पूजा शुरू करें और उन्हें पीले फूल, पीला नैवेद्य, धूप, दीप अर्पित करें।
4. मां को सुगंधित पुष्प और 3 गांठ हल्दी चढ़ाएं, इससे शीघ्र विवाह के योग बनते हैं, साथ ही प्रेम संबंधी बाधाएं भी होती हैं।
5. मां को चांदी या मिट्टी के पात्र में शहद अर्पित करें, इससे आपका प्रभाव और आकर्षण क्षमता बढ़ेगी।
6. इसके बाद मां के सामने नीचे लिखे मंत्र का जाप करें। मां कात्यायननी के स्तोत्र पढ़ें, दुर्गा सप्तशती पढ़ें और आरती गाएं।
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1. "कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।"
2. ॐ ह्रीं नम:।।'
3. चन्द्रहासोज्जवलकराशाईलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
4. ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
5. पूजा के बाद हल्दी की गांठ अपने पास रख लें और गलती के लिए क्षमा मांगें।
नोटः पूजा में माता कात्यायनी का चित्र या यंत्र सामने रखकर रक्तपुष्प से पूजन करें। यदि चित्र में यंत्र उपलब्ध न हो तो देवी माता दुर्गाजी का चित्र रखकर ऊपर लिखे किसी मंत्र की 51 माला नित्य जपें, मनोवांछित फल मिलेगा। साथ ही ऐश्वर्य प्राप्ति होगी। नवरात्रि में इनकी पूजा अर्चना और भी विशेष होती है।
Updated on:
09 Oct 2024 09:14 am
Published on:
08 Oct 2024 03:45 pm
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