
Sawan: सोमवार के दिन करें पार्थिव शिवलिंग की पूजा, रोग, भय और कष्टों से मिलेगी मुक्ति
भगवान शिव को सावन माह ( sawan ) बहुत प्रिय होता है, इसलिए शिव अराधना के लिए सावन माह सबसे उत्तम और विशेष रूप से फलदाई माना जाता हैं। इस पावन माह में पार्थिव शिवलिंग ( Parthiv Shivling ) निर्माण को दूसरी पूजा के अपेक्षा विशिष्ट माना जाता है, वो इसलिए क्योंकि साधक खुद शिवलिंग का निर्माण करता है और पावन पार्थिव शिवलिंग की पूजा-अर्चना ( Parthiv shivaling pujan ) कर मोक्ष का अधिकारी बनता है। वहीं शास्त्रों के अनुसार पार्थिव शिवलिंग का पूजन करने से करोड़ों यज्ञों के बराबर फल भी प्राप्त होता है।
भगवान श्री राम ने भी किया था पार्थिव शिवलिंग का निर्माण
भगवान श्री राम नें भी लंका पर विजय पाने व रावण के साथ युद्ध करने से पहले पार्थिव शिवलिंग की पूजा की थी। श्री राम द्वारा इस पूजा को करने के बाद उन्होंने लंका पर विजय प्राप्त की थी। भगवान श्री राम ही नहीं बल्कि न्याय के देवता शनिदेव ने भी सूर्य से अधिक शक्ति पाने के लिए काशी में पार्थिव शिवलिंग बनाकर भगवान महादेव की पूजा की थी।
ऐसे बनाए जाते हैं पार्थिव शिवलिंग
भगवान शिव की पार्थिव पूजा का विशेष महत्व माना जाता हैं क्योंकि पंचतत्वों में भगवान शिव पृथ्वी तत्व के अधिपति हैं। पार्थिव शिवलिंग एक या दो तोला शुद्ध मिट्टी लेकर बनाए जाते हैं। इस शिवलिंग को अंगूठे की नाप का बनाया जाता है। भोग और मोक्ष देने वाले इस पार्थिव शिवलिंग का पूजन को किसी भी नदी, तालाब के किनारे, शिवालय अथवा किसी भी पवित्र स्थान पर किया जा सकता है।
पहले इन देवों की करें पूजा
शिवलिंग बनाने के बाद गणेश जी, विष्णु भगवान, नवग्रह और माता पार्वती आदि का आह्वान करना चाहिए। फिर विधिवत तरीके से षोडशोपचार करना चाहिए। पार्थिव बनाने के बाद उसे परम ब्रम्ह मानकर पूजा और ध्यान करें। पार्थिव शिवलिंग समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करता है। सपरिवार पार्थिव बनाकर शास्त्रवत विधि से पूजन करने से परिवार सुखी रहता है।
भय से मुक्ति और मोक्ष का माध्यम होते हैं पार्थिव शिवलिंग
कलयुग में मोक्ष की प्राप्ति और व्यक्ति की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पार्थिव पूजन सबसे उत्तम माना जाता है। पार्थिव पूजन से सभी प्रकार के भय दूर हो जाते हैं। हिंदू धर्म में जितने भी देवताओं की पूजन विधियां है, उसमें पार्थिव पूजन के द्वारा शिव की साधना-अराधना ही सबसे आसान और अभीष्ट फल देने वाली है।
पार्थिव के सामने करें इस मंत्र का जप, रोगों से मिलेगी मुक्ति
पार्थिव के समक्ष समस्त शिव मंत्रों का जप किया जा सकता है। रोग से पीड़ित लोग महामृत्युंजय मंत्र का जप भी कर सकते हैं। दुर्गासप्तशती के मंत्रों का जप भी किया जा सकता है। पार्थिव के विधि वत पूजन के बाद उनको श्री राम कथा भी सुनाकर प्रसन्न कर सकते हैं।
Published on:
19 Jul 2019 05:56 pm
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