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नवरात्रा में हनुमानजी की इस पूजा से मिलता हैं मनचाहा वरदान

हनुमान जी की साधना के कई रूप और पाठ हैं, जानिए किस से मिलता है क्या फल

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Sunil Sharma

Mar 21, 2015

Hanumanji in Ram Ravan war

Hanumanji in Ram Ravan war

यूं तो हनुमानजी भगवान महादेव की ही तरह केवल मात्र राम नाम जपने से भी प्रसन्न हो जाते हैं। फिर भी शास्त्रों में उनकी उपासना की कुछ विशेष पद्धतियां दी गई हैं जिनका पालन करने से हनुमानजी के दर्शन करने के साथ साथ मनचाहा वर भी मिलता है।

(1) हनुमान जी कलियुग
में भी साक्षात भगवान बताए गए हैं। इसीलिए कहा जाता है कि उनकी पूजा, उपासना, मंत्र
और पाठ करने से अलग-अलग फल मिलते हैं और कष्ट दूर होते हैं।

(2) हनुमान जी को
प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय है हनुमान चालीसा का पाठ। माना जाता है कि हनुमान
चालिसा का पाठ करने वाले भक्त को कोई बंधक नहीं बना सकता है और उस पर जेल जाने की
नौबत नहीं आती है। मान्यता है कि गलती होने पर जेल हो जाने की स्थिति में दोषी
व्यक्ति अगर 108 बार "हनुमान चालीसा" का पाठ करे और यह संकल्प करे कि वह भविष्य में
कभी बुरे काम नहीं करेगा, तो हनुमान जी की कृपा होने पर उसका संकट दूर हो जाता है।
जेल से उसे मुक्ति मिल जाती है।

(3) हनुमान जी का एक पाठ उनके भक्तों को उनके
शत्रुओं से मुक्ति दिलाता है और शत्रुओं को दंडित भी करने में मदद करता है। कहा
जाता है कि एकाग्रचित होकर 21 दिन तक विधि-विधान से "बजरंग बाण" का पाठ करने से
व्यक्ति को उसके शत्रुओं से मुक्ति मिलती है अथवा शत्रुओं को उनके किए गए गलत कर्मो
का दंड मिल जाता है। हालांकि बजरंगबली ऎसे ही भक्तों की मदद करते हैं जो बुराई से
दूर रहकर सत्य की राह पर चलते हैं।

(4) हनुमान जी की उपासना से निरोगी काया
का आशीर्वाद भी मिलता है। इसके लिए सबसे सटीक पाठ है "हनुमान बाहुक" का। विधान है
कि शुद्ध जल का बर्तन सामने रखकर 26 अथवा 21 (मुहूर्त के मुताबिक) दिनों तक
प्रतिदिन करने से कंठ रोग, गठिया, वात, जोड़ों का दर्द जैसे रोगों से मुक्ति मिल
जाती है। ध्यान रखें कि शुद्ध जल को प्रतिदिन पाठ के बाद पी लें और रोजाना पात्र को
शुद्ध जल से भरें।

(5) अगर आत्मविश्वास घट रहा हो, परिस्थितियां विपरीत हों,
काम नहीं बन रहा हो, तो ऎसे समय में "सुंदरकाण्ड" सबसे अचूक उपाय है। माना जाता है
कि सुंदरकांड अध्याय में हनुमान जी कि विजयगाथा है और इस तरीके से इसका पाठ करने
वाला व्यक्ति आत्मविश्वास से लबरेज हो जाता है।

(6) कई लोगों को बचपन से
भूत-प्रेत और अंधेरे से डर लगता है, ऎसे लोगों के लिए हनुमान जी का एक मंत्र
चमत्कारिक बदलाव करता है। हनुमान जी का यह मंत्र है "हं हनुमंते नम:"। इस मंत्र का
जाप सोने से पहले किया जाना चाहिए। मंत्र जाप से पूर्व शरीर को साफ पानी से धो लेना
चाहिए। इस मंत्र के नियमित जाप से भय अपने आप दूर भागने लगता है और व्यक्ति निर्भिक
बन जाता है।

(7) घर में सुख-शांति का संचार करने के लिए भी हनुमान जी का एक
उपाय किया जा सकता है। शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में गुड़-चने
का प्रसाद चढ़ाएं। रोजाना घर में हनुमान चालीसा का पाठ करें। 21 दिन के बाद मंदिर
में हनुमान जी को चोला चढ़ाएं।

(8) हनुमान जी का साबर मंत्र एक ऎसा मंत्र है
जो भक्त को सीधे उसकी पीड़ा उन तक पहुंचाता है और शीघ्र समाधान होता है। ध्यान रहे
कि इस मंत्र का प्रयोग वही लोग करें जो खान-पान की अशुद्धता और अन्य बुराईयों से
परे हों। हनुमान जी के शाबर मंत्र के कई प्रकार हैं जो अलग-अलग कार्यो के लिए हैं।
इसलिए मंत्र और विधि-विधान किसी जानकार से पूछ कर ही शुरू करें।

(9)
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हनुमान जो को इष्ट मानने वाले भक्तों को रोजाना उनकी
पूजा-उपासना और पाठ करना चाहिए। अगर किसी कारणवश उन्हें समय नहीं मिलता हो, तो
हनुमान जी के एक मंत्र का जाप 11 बार करना चाहिए। यह मंत्र है "ऊं हनुमते नम:"। इस
मंत्र के जाप से पाठ नहीं करने की कमी भी पूरी हो जाती है। साथ ही बिगड़े काम भी
बनने लगते हैं।

(10) रोगों से बचने के लिए हनुमान जी का एक और मंत्र कारागर
माना गया है। यह मंत्र है:- नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।।

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