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फरवरी में छूटे पसीने, रूलाएगी जेठ की गर्मी

अभी तो फरवरी का तीसरा सप्ताह ही चल रहा है। इसमें ही तापमापी का पारा 33 डिग्री तक पहुंच गया। अप्रेल-मई माह में क्या होगा?

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highest temperature in the bundi 33 degrees

कोटा . अभी तो फरवरी का तीसरा सप्ताह ही चल रहा है। इसमें ही तापमापी का पारा ३३ डिग्री तक पहुंच गया। अभी यह हाल है तो अप्रेल-मई माह में क्या होगा? शनिवार को तापमान में आई तेजी के चलते जनजीवन प्रभावित रहा। दिन में तेज धूप के कारण लोग परेशान रहे। लोग धूप से बचने के लिए मुंह पर कपड़ा बांधे नजर आए। बूंदी शहर में इस दिन अधिकतम तापमान ३३ डिग्री रहा, जो कि हाड़ौती का सबसे अधिक तापमान है।

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चेंपा का भी असर
धूप का असर बढऩे के साथ ही चेंपे का भी असर दिखने लगा है। इसके चलते राहगीरों व वाहन चालकों को आवागमन में परेशानी होने लगी। वाहन चलाते समय आंखों में चेंपा घुसने से कई लोग परेशान होकर आंखें मसलते देखे गए। चेंपे से बचने के लिए अधिकांश वाहन चालक चश्मा पहने नजर आए।

एक पखवाड़े पहले ही गर्मी
मौसम विभाग का मानना है कि इस साल कम बरसात के चलते सर्दी का असर भी कम रहा। जनवरी माह में भी सर्दी का खास असर नहीं रहा। फरवरी के प्रथम सप्ताह तक तो सर्दी का असर सिर्फ सुबह ९ बजे तक रहा। बाद में धूप रही। वर्तमान में मौसम परिवर्तन का जो दौर देखा जा रहा है। वह फरवरी के अंतिम सप्ताह, मार्च के प्रथम सप्ताह में दिखने को मिलता है।

फसलों पर विपरीत असर
बदलते मौसम के चलते इस साल फसलों पर भी विपरीत असर अभी से ही दिख रहा है। कमजोर सर्दी के चलते फसलों की ठीक तरीके से बढ़वार नहीं हो पाई। गेहूं की फसल में जल्दी बालियां विकसित होने लगी। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कई खेतों में तो गेहूं के पौधे पकने लग गए हैं।

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मंडी आने लगा गेहूं
इस साल गेहूं की फसल करीब एक पखवाड़ा जल्दी आने की संभावना है। भामाशाह मंडी में भी इस साल नए की १५ दिन पहले से ही आवक शुरू हो गई। जबकि मंडी में नए गेहूं की आवक मार्च माह में होती है।