एलइडी खरीदी की राशि पर सवाल, बाजार में सस्ती तो फिर क्यों खरीदी महंगी
आगर मालवा. दीपोत्सव की जिस रोशनी का उजास घर-बाजार को जगमगाता है, उसी रोशनी के तले सुसनेर नगर परिषद के जिम्मेदारों ने गड़बड़ी का अंधेरा फैला दिया। सफेद एलइडी तय निर्धारित दर से ज्यादा पर खरीद ली। मामले में गड़बड़ी के आरोप सामने आने के बाद अब अफसर जांच और खरीदी की परतों की हकीकत जानने का दावा कर रहे हैं। मालूम हो कि नगर परिषद के कई खरीदी मामलों को लेकर शिकायतों का दोर चल रहा है, इनमें अब एलइडी खरीदी में कागजों पर तय प्रक्रिया का पालन नहीं करना भी जुड़ गया है।
त्योहारों के समय नगर की सड़कों को रोशन करने सफेद LED को खरीदने में नगर परिषद के अफसरों ने परिषद को लाखों रूपये का चूना लगाया हैं। आरोप है कि आर्थिक स्थित खराब होने की हवाला देकर विकास कार्य ना करने वाली परिषद ने जिस कंपनी की एलइडी बाजार में प्रति नग 500 से 600 रूपए में उपलब्ध हैं उसे 3180 रूपए में खरीदा हैं। यही नहीं नवरात्र पर खरीदी गई एलइडी अभी तक नगर में उजाला नहीं फैला पाई हैं। जिन फर्मो से ये खरीदी गई हैं उन्होनें अपने बिलों में एलइडी की कंपनी का ब्योरा भी नहीं दिया हैं, जिससे खरीदी में गड़बड़ी के आरोप लगे है।
4 से 5 गुना अधिक दाम पर की खरीदी
विस्टा केयर इंडिया भोपाल से 30 वॉट एलइडी लैंप 150 प्रति नग 3180 कुल जीएसटी सहित 477000 रुपए दिए गए जबकि इसी लैंप की बाजार में एक नग कीमत 500 से 600 रूपयें हैं। इसी कंपनी से 200 वॉट एलइडी लैंप 10 नग के लिए प्रतिनग 33 हजार रुपए कुल जीएसटी सहित 3,30000 रुपए परिषद ने दिए हैं जबकि बाजार में यह 5 से 6 हजार रुपए प्रति नग में उपलब्ध हैं। जेईएम इंडिया सीएचपी छतरपुर से 45 वॉट एलइडी लैंप 100 नग एक प्रतिनग के लिए 4898 में कुल जीएसटी सहित 4,89,800 रुपए दिए गए हैं जबकि यह बाजार में 900 से 1200 रुपए में उपलब्ध हैं।
एक माह पूर्व ही 5 लाख की खरीदी
इस खरीदी से एक माह पूर्व ही परिषद ने 5 लाख की स्ट्रीट लाइट के लैंप की खरीदी की थी तो आखिर एक माह बाद ही ऐसी क्या जरूरत पड़ गई कि इतनी बड़ी खरीदी कर ली गई। जबकि परिषद की आर्थिक स्थिति यह हैं कि कर्मचारियों को मासिक वेतन भी प्रदान नहीं किया जा रहा हैं।