
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अफसरों ने की मदद
आगर-मालवा. गांव में जो मजदूरी मिल जाया करती थी उसी मजदूरी पर आश्रित रहने वाली एक ग्रामीण महिला ने महिलाओं का एक समूह बनाकर महिला सशक्तिकरण का परिचय देते हुए खुद तो आत्मनिर्भर हुई, साथ ही समूह की अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाया।
ग्राम फतेहपुर मेंढ़की निवासी शानू पति रामकैलाश गौड़ गांव के सम्पन्न परिवारों के यहां खेतीबाड़ी से जुड़ी हुई दिहाड़ी मजदूरी कर गुजारा किया करती थी। इसी बीच महिला मप्र डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों के सम्पर्क मे आई और उनसे प्रेरित होकर ग्रामीण महिलाओं के साथ मिलकर देवनारायण स्व सहायता समूह बनाया। इस समूह के माध्यम से महिलाओं ने गांव में ही अगरबत्ती बनाने का कामकाज आरंभ कर दिया। शुरूआती दिनो में अगरबत्ती बनाकर बेचने में कुछ व्यवहारिक कठिनाइयां आई लेकिन धीरे-धीरे परेशानियां भी दूर होती गई और शानू गौड़ के साथ-साथ समूह की अन्य महिलाए भी आर्थिक रूप से सशक्त होती गई।
आमदनी में इजाफा होता गया
जाति से बंजारा समुदाय की ये महिलाएं जब मजदूरी किया करती थी उस समय 1500 रूपए मासिक आमदनी ही होती थी। धीरे-धीरे अगरबत्ती बनाने का कामकाज गति पकड़ता गया और इनकी आमदनी में भी इजाफा होता गया। अब प्रत्येक महिला को करीब 4 से 5 हजार रुपए मासिक आमदनी हो रही है। महिलाओं के इस समूह द्वारा विभिन्न फ्लेवर में अगरबत्ती तैयार की जाती है जो की इंदौर सहित प्रदेश के अन्य शहरों व राजस्थान, महाराष्ट्र में भी बेचने हेतु सप्लाय की जा रही है।
तीन हितग्राहियों को 49 हजार रुपए के चेक बांटे
आगर-मालवा पत्रिका. जनसंख्या स्थिरीकरण कोष योजनांतर्गत शुक्रवार को सीएमएचओ डॉ बीएस बारिया ने 2 हितग्राहियों को 17-17 हजार रुपए तथा एक को 15 हजार रुपए इस प्रकार कुल 49 हजार रुपए की राशि के चैक प्रदान किए गए। उक्त योजना का लाभ जिन महिला हितग्राही जिसका 19 वर्ष की आयु के बाद विवाह हुआ हो, विवाह के 2 वर्ष बाद प्रथम संतान का जन्म तथा प्रथम संतान के जन्म 3 वर्ष बाद द्वितीय संतान का जन्म एवं द्वितीय संतान के जन्म के 1 वर्ष के भीतर नसबंदी कराने पर दिया जाता है।
Published on:
01 Sept 2018 06:03 am
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