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कैराना नूरपुर की हार के बाद यहां बढ़ेंगी भाजपा की मुश्किलें

2019 लोकसभा में गठबंधन हुआ तो आगरा में एक सीट पर मिल सकती है हार

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आगरा

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Abhishek Saxena

May 31, 2018

bjp

कैराना नूरपुर की हार के बाद यहां बढ़ेंगी भाजपा की मुश्किलें

आगरा। कैराना, नूरपुर के उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार हुई। 2019 के लिए होने वाला गठबंधन अब ब्रज में क्या असर डालेगा। इस पर समीक्षा की पत्रिका टीम ने। आगरा जनपद में दो सीटें हैं। फतेहपुरसीकरी लोकसभा सीट और आगरा सुरक्षित सीट। इन दोनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं। आगरा सुरक्षित सीट से डॉ.रामशंकर कठेरिया और फतेहपुरसीकरी से चौधरी बाबूलाल सांसद हैं। डॉ.रामशंकर कठेरिया इन दिनों एससी आयोग के अध्यक्ष भी है। इससे पहले मोदी सरकार ने उन्हें मंत्री पद का तोहफा भी दिया है।

सुरक्षित सीट पर बनेगी ऐसी तस्वीर
कैराना नूरपुर में हुए उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद देखा एक ओर जहां गठबंधन में बसपा, सपा, कांग्रेस, रालोद एक होकर चुनाव लड़ते हैं तो मामला कुछ ऐसा नजर आएगा। सुरक्षित सीट पर लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा प्रत्याशी डॉ.रामशंकर कठेरिया को कुल 5,83,716 मत प्राप्त हुए थे। वहीं 2,83,453 बसपा नारायण सिंह सुमन, सपा के महाराजा सिंह धनगर, 1,34,708, कांग्रेस पार्टी से उपेंद्र सिंह को 34,834 मत प्राप्त हुए थे। यदि गठबंधन के ये आंकड़े जोड़ दिए जाए तो सपा, बसपा और कांग्रेस को मिलाकर कुल 4,52,995 वोट मिले हैं। यदि नरेंद्र मोदी का मैजिक 2019 लोकसभा चुनाव में चला तो इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी अपनी साख बचाने में कामयाब हो सकती है।

जाटलैंड में प्रतिष्ठा दांव पर
फतेहपुरसीकरी लोकसभा सीट से रालोद छोड़कर भाजपा में शामिल हुए चौधरी बाबूलाल को भारतीय जनता पार्टी ने टिकट दी थी। भाजपा की टिकट और मोदी लहर में चौधरी बाबूलाल ने बड़ी जीत दर्ज की थी। उन्हें 4,26,589 वोट मिले। वहीं इस सीट पर निर्वतमान सांसद सीमा उपाध्याय ने बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। सीमा उपाध्याय को 2,53,483 मत प्राप्त हुए थे। वहीं सपा से रानी पक्षालिका सिंह को 2,13,397 वोट मिले। इस चुनाव में आरएलडी अमर सिंह भी मैदान में थे। अमर सिंह को 24,185 वोट मिले थे। यदि 2019 में गठबंधन हुआ और सपा, कांग्रेस, रालोद ने मिलकर एक प्रत्याशी उतारा तो कुल वोट 4,91,065 होते हैं। जो 2019 के लिए भाजपा की राह मुश्किल करते दिख रहे हैं।