
Baba Deep Singh
आगरा। पुरजा पुरजा कटि मरै कबहू न छाडै खेत। शहीद की आत्मा निर्मल और उद्देश्य स्पष्ट होता है। शहीद फौलादी इरादे का मालिक होता है, जिसके विचारों को बदला नहीं जा सकता। इस तरह के इरादे और विचारों की मलकीयत रखने वाले थे शहीद बाबा दीप सिंह। ताजनगरी में उनका प्रकाश पर्व 26 जनवरी को भव्यता के साथ सिख समाज मनाएगा।
शहीद बाबा दीप सिंह के बारे में
गुरु सेवक श्याम भोजवानी ने बताया कि शहीद बाबा दीप सिंह का जन्म 26 जनवरी 1682 ईसवीं को अमृतसर जिले की तहसील पट्टी के गांव पहुविंड में हुआ था। 18 वर्ष की उम्र के बाद से ही वह गुरु की सेवा में लग गए थे। गुरु गोविंद सिंह के आशीर्वाद से आपने भिन्न भिन्न दायित्वों पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। श्री गुरु गोविंद सिंह बाबा दीप सिंह से गुरु ग्रन्थ साहिब में गुरबाणी लिखाई थी। उन्होंने गुरु आज्ञा से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की चार प्रतियां तैयार की। जिन्हें अलग अलग तख्तों पर स्थापित किया गया।
यहां सजेगा कीर्तन दरबार
उनके प्रकाश पर्व को समर्पित विशाल कीर्तन दरबार सिख यूथ वेलफेयर आर्गेनाईजेशन और गुरुद्वारा नार्थ ईदगाह प्रबंधक कमेटी द्वारा 26 जनवरी शुक्रवार को रात आठ से दस बजे तक गुरुद्वारा नार्थ ईदगाह में मनाया जाएगा। जिसमें राजेंद्र पाल सिंह, राजू वीर लुधियाना वाले गुरु की वाणी से संगतों को निहाल करेंगे। इस मौके पर पूरे गुरुद्वारा साहिब को भव्य रोशनी से सजाया जाएगा। श्री गुरु ग्रंथ साहिब के दीवान पर भव्य फूलों की सजावट होगी। गुरु प्यारी गुरु नानक नाम लेवा संगत इसमें भर चढ़कर हाजिरी भरेगी। कीर्तन के समापन पर गुरु का अटूट लंगर बरता जाएगा।
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Published on:
24 Jan 2018 06:16 pm
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