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18 साल बाद अपने गांव पहुंचेंगे अटल बिहारी, बिन बोले अपनों से लेंगे विदा…

बरेली और अलीगढ़ मंडल में अस्थि विसर्जन का प्रोग्राम हुआ घोषित।

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आगरा

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Dhirendra yadav

Aug 24, 2018

आगरा। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी छह अप्रैल, 1999 को अपने पैतृक गांव बटेश्वर आये थे। उसके बाद से यहां के लोगों ने अपने नेता का इंतजार है। 18 साल बाद अटल जी के अंतिम दर्शन के लिए लोग फिर बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अटल जी के अस्थि कलश रथ का बटेश्वर के लिए अभी तक कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है।

लखनऊ से शुरू हुई रथ यात्रा
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा लखनऊ से शुरू हो चुकी है। यूपी के कई जिलों से आज ये यात्रा गुजरेगी। इसमें आगरा भी शामिल है, लेकिन भाजपा द्वारा जो अस्थि कलश रथ का रूट तैयार किया गया है, उसमें बटेश्वर का कहीं भी नाम नहीं है। इसे लेकर अटल जी के पैतृक गांव बटेश्वर में हलचल है। यहां के लोगों को इंतजार है कि अटलजी को श्रद्धांजलि देने के आखिरी मौके का।

तुलसी घाट देख रहा राह...
बटेश्वर के रहने वाले राम सिंह ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों को सबसे पहले बटेश्वर के तुलसी घाट पर लाना चाहिये थे। यहां पर अटल जी का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया, जबकि अटल जी के परिवार के लोगों का अंतिम संस्कार इसी घाट पर होता आया है, ऐसे में अस्थि विसर्जन का अधिकार सर्वप्रथम इस घाट का ही था।


लोग कर रहे इंतजार
अटल जी के पैतृक गांव बटेश्वर में उनके परिवार के सदस्य अभी भी निवास कर रहे हैं। इसमें से कई सदस्य ऐसे हैं, जो उनके अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली नहीं जा पाये। उन्हें इंतजार है कि अटल जी की अस्थियां आने पर उनको अंतिम श्रद्धांजलि दे सकें, लेकिन भाजपा ने जो अस्थि कलश यात्रा के रूट का प्लान तैयार किया है, उसमें बटेश्वर का नाम अभी कहीं भी नहीं हैं। शुरुआत में तो चर्चा थी, कि 24 को बटेश्वर में अस्थि विसर्जन होंगी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आयेंगे, लेकिन ये प्रोग्राम भी रद्द हो गया।