
बाल गृह की अधीक्षिका पूनम पाल चप्पल से एक बच्ची को पीटती हुई।
Agra News: आगरा में राज्य सरकार द्वारा चल रहे बाल गृह सुधार से एक चौंकाने वाला सीसीटीवी वीडियो सामने आया है। वीडियो में एक बच्ची को चप्पल से बुरी तरह पीटा जा रहा है। बताया जा रहा है कि वीडियो में बच्ची की पिटाई करती दिख रही महिला बाल गृह अधीक्षिका पूनम पाल हैं। कुछ और तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें छोटे- छोटे बच्चों के हाथ-पैर बंधे दिख रहे हैं। बच्ची को चप्पल से पीटने का वीडियो सामने आने के बाद आरोपी अधीक्षिका पूनम पाल को सस्पेंड कर दिया गया है।
मंगलवार को बाल गृह सुधार केंद्र की तीन महिला कर्मियों ने अधीक्षिका के खिलाफ जिला प्रशासन से शिकायत दर्ज कराई थी। इनमें दो नर्सें और एक रसोइया शामिल थीं। सीसीटीवी वीडियो और गंभीर आरोपों का संज्ञान लेते हुए जिला मजिस्ट्रेट भानु चंद्र गोस्वामी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
बच्ची खुद को बिस्तर के नीचे बक्से में छिपाती थी: अधीक्षिका
जिला प्रोबेशन अधिकारी अजय पाल सिंह ने कहा, ''पूरे मामले की विस्तार से जांच की जा रही है। केंद्र पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है। वहीं, अधीक्षक ने दावा किया कि बच्ची खुद को बिस्तर के नीचे बक्से में छिपाती थी। अधीक्षक की चेतावनी के बावजूद लड़की ने इसे दोहराया। हालांकि, किसी भी परिस्थिति में बच्चे को पीटना गलत है।
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तीन महिलाओं ने दर्ज कराई एफआईआर
तीन महिला कर्मियों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, केंद्र में अधीक्षक ने बच्चों को बेरहमी से पीटती हैं। वह नियमित रूप से विकलांग बच्चों को हाथ- पैर बांधकर छोड़ देती थी और उन्हें अपनी मालिश करने के लिए मजबूर करती थी। शिकायत पत्र में यह भी लिखा है कि 2021 में प्रयागराज के एक बाल गृह में एक 12 साल की लड़की की फांसी पर लटकने से मौत के बाद पाल को जेल में समय बिताना पड़ा था। मामले में दर्ज पाल को मजिस्ट्रेट जांच के बाद निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, बाद में वह नौकरी पाने में कामयाब रही।
एक लड़की पहले भी खुदकुशी करने की कोशिश की
शिकायतकर्ताओं में से एक, दीपाली, जो केंद्र में एक नर्स थी। उसके अनुसार पिछले साल सितंबर में एक लड़की ने केंद्र में बीमारी के कारण दम तोड़ दिया। विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित बच्चों को आवश्यक चिकित्सा देखभाल नहीं मिल पाती है। दीपाली ने कहा, ''अधीक्षक के अपमानजनक आचरण से निराश होकर एक लड़की ने हाल ही में अपनी जिंदगी खत्म करने की कोशिश की।''
केंद्र में काम करने वाली एक अन्य नर्स कविता कर्दम ने बताया कि दिसंबर 2022 में उसने अधीक्षक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जांच के बाद उन्हें केंद्र से हटा दिया गया था। हालांकि, वह बाद में कार्यभार वापस पाने में सफल रही।
कविता कर्दम ने आगे बताया कि बच्चों को पीटने और दुर्व्यवहार करने के अलावा वह हमें परेशान कर रही थी। हमने उसे अपने वेतन से भुगतान करने से इनकार कर दिया, इसलिए उसने हमें नौकरी से निकलवा दिया।
Updated on:
14 Sept 2023 10:35 am
Published on:
14 Sept 2023 10:34 am
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