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फेसबुक पर दलित संबंधी दो शब्दों की पोस्ट मचा रही तहलका

फेसबुक पर एक पोस्ट ऐसी है, जो सिर्फ दो शब्दों की है। इस फेसबुक पोस्ट के अब तक 112 शेयर हो चुके हैं। 1.9K लाइक्स हैं।

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आगरा। सोशल मीडिया पर लम्बी-लम्बी पोस्ट होती हैं। एक से बढ़कर एक ज्ञान दिया जाता है। फेसबुक पर एक पोस्ट ऐसी है, जो सिर्फ दो शब्दों की है। इस फेसबुक पोस्ट के अब तक 112 शेयर हो चुके हैं। 1.9K लाइक्स हैं। जानना चाहेंगे यह पोस्ट क्या है। लीजिए हम बताते हैं कि यह पोस्ट है- #दलित महापंचायत।

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24 जून को जीआईसी मैदान में प्रस्तावित

सुरेशचंद सोनी एडवोकेट ने अपनी फेसबुक वॉल पर यह पोस्ट डाली है। नीले रंग की बैक ग्राउंड पर सिर्फ दो शब्दों की पोस्ट दलित महापंचायत है। इसके ऊपर दो पंक्तियों में लिखा है- 24 जून को समूचे दलित समाज की महापंचायत जीआईसी मैदान में प्रातः 10 बजे अनुमति हेतु एडीएम सिटी को आवेदन प्रस्तुत किया है।

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क्या है कारण

दो अप्रैल, 2018 को दलित समाज की ओर से अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में संशोधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया गया था। इस दौरान दलितों ने आगरा को हिला दिया था। कलक्ट्रेट पर कब्जा कर लिया था। आगजनी, पथराव और फायरिंग की थी। साथ ही भारतीय जनता पार्टी के महानगर अध्यक्ष विजय शिवहरे के होटल मोती पैलेस पर हमला किया था। तोड़फोड़ की थी। हालात इतने खराब हो गए थे कि पुलिस-प्रशासन को इंटरनेट सेवा रोकनी करनी पड़ी थी। वैसे तो बहुजन समाज पार्टी को दलितों की पार्टी कहा जाता है, लेकिन कोई नेता दलितों के लिए आगे नहीं आया। दलितों के मदद के लिए आगे आए हैं सुरेशचंद सोनी एडवोकेट। पुलिस ने सैकड़ों दलितों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। सुरेशचंद सोनी ने इन्हें जेल से बाहर निकालने के लिए बीड़ा उठाया। निःशुल्क पैरवी की। अधिकांश लोगों की जमानत हो चुकी है। दलित महापंचायत के माध्यम से सुरेशचंद सोनी अपनी ताकत का अहसास दलितों के नेताओं को कराना चाहते हैं।

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एक और पोस्ट

सुरेशं चंद सोनी ने एक और पोस्ट की है- दो अप्रैल के आंदोलन में जिन नेताओं ने समाज का सहयोग नहीं किया है और समूचे दलित समाज के वोटों से विधायक व मंत्री बन कर करोड़ों रुपए की संपत्ति एकत्रित की है, उन करोड़ों रुपयों में से 10 रुपए भी किसी आंदोलनकारी के घर नहीं पहुंचाए। जेल में आंदोलनकारियों को खाद्य सामग्री नहीं पहुंचाई। मिलने तक नहीं गए। बसपा और डॉ. अम्बेडकर जयंती केंद्रीय कमेटी के कई पदाधिकारियों के नाम का उल्लेख करते हुए कहा है कि बसपा शासन में आनन-फानन में बने अमीर लोगों की संपत्ति जैसे स्कूल, मकान, होटल, कॉलेज, गार्डन, वाहन का ब्योरा फोटो खींच कर भेजें। ऐसी संपत्ति जो दुख के समय समाज के काम ना आ सके, जब्त कराने की कार्यवाही कराई जा सके |

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