
दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। मान्यता है कि इस भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था और यह कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाया जाता है इसलिए इस दिन को धनतेरस या धन त्रयोदशी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश लक्ष्मी की पूजा होती है। माना जाता है कि धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में की गई खरीदारी जीवन में ढेर सारी सफलता और समृद्धि लेकर आती है। इस बार ये त्योहार 5 नवंबर को मनाया जाएगा। इसलिए धनतेरस के दिन लोग धातु व गहनों आदि की खरीदारी करते हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से जानते हैं धनतेरस से जुड़ी तमाम बातें।
इसलिए की जाती है खरीददारी
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र के मुताबिक इस दिन बर्तन या कोई धातु खरीदना शुभफल दायक होता है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय जब कलश के साथ माता लक्ष्मी का अवतरण हुआ, उसी के प्रतीक के रूप में ऐश्वर्य वृद्धि, सौभाग्य वृद्धि के लिए बर्तन, गहने आदि खरीदने की परम्परा शुरू हुई।
लोहे व स्टील के बर्तन से परहेज करें
आमतौर पर लोग धनतेरस के दिन लोग स्टील के बर्तन खरीदते हैं, लेकिन इससे परहेज करना चाहिए क्योंकि स्टील भी लोहे का ही एक रूप है। इसके अलावा कांच के बर्तन खरीदने से भी बचें। इनकी जगह पर इस दिन सोने चांदी, पीतल आदि धातु से बनी मूर्तियां, बर्तन, गहने आदि खरीदे जा सकते हैं। बर्तन खरीद रहे हैं तो याद रखें कि खाली बर्तन घर पर न लाएं।
धनतेरस 2018 पूजा का शुभ मुहूर्त
धनतेरस पर पूजा करने का शुभ मुहूर्त: शाम 6.05 बजे से 8.01 बजे तक का है।
शुभ मुहूर्त की अवधि: 1 घंटा 55 मिनट
प्रदोष काल: शाम 5.29 से रात 8.07 बजे तक
वृषभ काल: शाम 6:05 बजे से रात 8:01 बजे तक
त्रयोदशी तिथि आरंभ: 5 नवंबर को सुबह 01:24 बजे
त्रयोदशी तिथि खत्म: 5 नवंबर को रात्रि 11.46 बजे
इस मुहूर्त में करें खरीदारी
सुबह 07:07 से 09:15 बजे तक
दोपहर 01:00 से 02:30 बजे तक
रात 05:35 से 07:30 बजे तक
Updated on:
30 Oct 2018 01:46 pm
Published on:
30 Oct 2018 07:00 am
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