
फोटो सोर्स- पत्रिका
Agra crime news आगरा में महिला सब इंस्पेक्टर और पीड़िता का एक वीडियो ऑडियो वायरल हो रहा है। जिसमें पीड़िता विवेचक महिला सब इंस्पेक्टर से कह रही है कि आपने चार्जशीट लगा दिया और मुझे बताया भी नहीं, आरोपियों के नाम भी हटा दिए गए। इस पर महिला सब-इंस्पेक्टर बोलती है कि चार्जशीट के विषय में उन्हें कुछ भी मालूम नहीं है। बातचीत में महिला सब इंस्पेक्टर यह भी कहती है कि इंस्पेक्टर ने ऐसी की तैसी कर दी। मुझे बिना बताए चार्जशीट लगा दिया। तुम परेशान मत हो, दूसरा मुकदमा दर्ज कर जेल भेजूंगी। वायरल ऑडियो की जांच अपर पुलिस आयुक्त को दी गई। जांच में महिला सब इंस्पेक्टर की बातें झूठी पाई गई। मामला एत्मादपुर थाना क्षेत्र का है।
उत्तर प्रदेश के आगरा के एत्मादपुर थाना क्षेत्र का एक ऑडियो वायरल हो रहा है। जिसमें पीड़िता और सब इंस्पेक्टर के बीच बातचीत हो रही है। मामला अश्लील हरकत से जुड़ा हुआ है। जिसमें पीड़िता ने छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी जांच सब इंस्पेक्टर नीतू शर्मा को दी गई थी। जांच की चार्जशीट से चार लोगों के नाम निकाल दिए गए थे।
इसी संदर्भ में सब इंस्पेक्टर नीतू शर्मा की बातचीत पीड़िता के साथ हो रही है। जिसका ऑडियो वायरल हो रहा है। जिसमें पीड़िता सब इंस्पेक्टर से शिकायत कर रही है कि चार्जशीट से चार लोगों के नाम निकाल दिए गए और उसे इस बात की जानकारी भी नहीं है। जवाब में सब इंस्पेक्टर कहती है कि मुझे संदर्भ में कुछ नहीं मालूम है। चार्जशीट का नंबर भी उसे पता नहीं है। यह इंस्पेक्टर सर का काम है।
पीड़िता कहती है कि मुझे क्या पता इसमें किसकी गलती है? इस पर सब इंस्पेक्टर अपने बच्चों की कसम खाती है और कहती है कि मुझे नहीं पता है। पीड़िता ने बताया कि चार लोगों के नाम निकालने के लिए 10 लाख रुपए दिए गए हैं। इस पर महिला सब-इंस्पेक्टर कहती है कि मुझे कुछ भी पता नहीं है और ना ही मुझे एक पैसा भी मिला है।
पुलिस कमिश्नरेट आगरा मीडिया सेल ने बताया कि वायरल ऑडियो में विवेचक उपनिरीक्षक नीतू शर्मा ने जो जानकारी दी है, उस पर भी जांच की गई है। जांच में पाया गया कि महिला उपनिरीक्षक से अनुमोदन लेने के बाद दो अभियुक्तों के विरुद्ध चार्जशीट लगाई गई थी। जिसमें महिला उपनिरीक्षक के सिग्नेचर भी मौजूद हैं। थाना प्रभारी ने भी अपनी सहमति प्रदान की है। विवेचक का यह कहना कि चार्जशीट दाखिल करने की जानकारी उन्हें नहीं है, गलत पाया गया। महिला विवेचक की भूमिका की जांच में संदिग्ध पाई गई है।
वायरल ऑडियो और विवेचन के लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच अपर पुलिस आयुक्त को सौंपी गई थी। जांच में पाया गया कि वादी विवेचना से असंतुष्ट है। अतः विवेचना क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर की जा रही है। अब क्राइम ब्रांच की महिला उप निरीक्षक मामले की जांच करेगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
30 Dec 2025 02:50 pm
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