
आगरा. उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के लालाऊ गांव में एक खेत के पास आठ मोर मरे मिले हैं। प्रारंभिक जांच से संकेत मिला कि किसानों ने खेत में कीटनाशक का छिड़काव किया जिससे मोर की मौत हुई हो। अधिकारियों ने कहा कि जानवरों के लगातार कुछ दिनों तक ऐसे कीटनाशक युक्त अनाज का सेवन मौत का कारण हो सकता है।
पोस्टमार्टम के लिए शवों को भेजा गया बरेली
राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य के संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) दिवाकर श्रीवास्तव ने कहा कि मोर के शवों को पोस्टमार्टम के लिए उनकी मौत के कारणों का पता लगाने के लिए बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान भेजा गया है। इसकी रिपोर्ट आना बाकी है।
मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू
इस बीच, अज्ञात लोगों पर मोर की मौत के लिए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा।
पहले भी हो चुकी है मोरों की मौत
गौरतलब है कि जून महीने में प्रतापगढ़ में डेढ़ दर्जन पक्षी मोरों की संदिग्ध हालत में अचानक मौत हो गई थी। ये सभी मोर आम और आंवले के बाग में मृत अवस्था पर पड़े मिले थे। वन विभाग की टीम ने एक मोर और एक मोरनी का पोस्टमार्टम भी किया। जिसके बाद दोनो मोर की मौत की वजह न्यूमोनिया से होने बताया था। इतना ही नहीं इसके अलावा बीते दिनों हरदोई और कन्नौज समेत प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत की खबरें आई थीं।
Published on:
12 Nov 2021 10:49 am
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