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अटल के गांव बटेश्वर में शोक की लहर

दिल्ली में कृष्णा मेनन बिहार स्थित आवास पर रिश्तेदारों की भीड़

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आगरा

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Abhishek Saxena

Aug 16, 2018

bjp

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की कुछ दुर्लभ तस्वीरें

आगरा। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। वाजपेयी के पैतृक गांव बटेश्वर में उनके परिजन व रिश्तेदार रहते हैं। निधन का समाचार सुनकर सभी को गहरा आघात पहुंचा है। अटल जी का बटेश्वर में करीब 20 कमरों का आवास था, जो अब खंडहर के रूप में है। अवशेष ही बचे हैं। अटल जी के निधन का समाचार सुनकर आसपास के गांवों के लोग भी उनके पैतृक गांव बटेश्वर पहुंचे। परिवार के अन्य सदस्य रिश्तेदारों को लोग उनके निधन पर सांत्वना देते नजर आए। निश्चित ही बटेश्वर गांव अटल जी की वजह से आज फिर चर्चा में है।
अपने गांव की ओर नहीं दिया ध्यान
अटल जी के भतीजे रमेश चंद्र बाजपेयी ने अटल जी के व्यक्तित्व के बारे में बताते हुए कहा कि वह निष्पक्ष थे। किसी की सिफारिश करने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी। उनका मानना था अपनी योग्यता के बल पर ही स्थापित हो सकता है। अटल जी को आखिरी बार बटेश्वर के लोगों ने वर्ष 1999 में देखा था, जब वह प्रधानमंत्री बनने के बाद बटेश्वर पहुंचे थे। करीब एक घंटे की मुलाकात रही रिश्तेदारो समेत सभी से मुलाकात की थी। अटल जी के व्यक्तित्व के बारे में कहा जाता है कि वह पूरे देश को ही अपना गांव और घर मानते थे। यही वजह थी कि अटल जी ने प्रधानमंत्री रहते हुए भी अपने गांव पर खास ध्यान न देते हुए पूरे देश के समग्र विकास की ओर ध्यान दिया।
लोगों ने सच स्वीकार किया
बटेश्वर भगवान भोलेनाथ की आराधना का केंद्र भी है। निधन से पूर्व लोगों ने पूजा अर्चना और आराधना भी की, ताकि अटल जी स्वस्थ हो सकें। फिर सत्य भी लोगों ने स्वीकार कर लिया कि अटल जी अब उनके बीच नहीं हैं।बटेश्वर गांव के लोग कहते हैं कि अटल जी की क्षतिपूर्ति या उनके जैसे व्यक्तित्व की कल्पना मात्र ही की जा सकती है। ऐसे व्यक्तित्व वाल देश में विरले ही हैं।