
triple talaq
आगरा। तीन बार तलाक कहकर रिश्तों को खत्म करने वाली प्रथा पर यानी तलाक-ए- बिद्दत अब कानूनन अपराध होगा। मोदी कैबिनेट ने तीन तलाक पर लाये गये अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद छह महीने तक यह अध्यादेश प्रभावी रहेगा। इस अध्यादेश के बाद हंगामा शुरू हो गया है। मुस्लिम नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ये हठधर्मिता है। शरीयत के कानून में ये बड़ा दखल है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
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भाजपा का चुनावी कार्ड
राष्ट्रीय सर्वदलीय मुस्लिम कमेटी के अध्यक्ष हाजी जमीलउद्दीन कुरैशी ने कहा कि तीन तलाक के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी चुनावी कार्ड खेल रही है। तीन तलाक का अध्यादेश को पारित करने के बाद हिंदू वोट को हथियाना चाहते हैं, लेकिन भारतीय आवाम अब बीजेपी को पहचान चुकी है। इनकी कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर है। पहले नोटबंदी की, फिर जीएसटी लगा कर उद्योगों को चौपट कर दिया।
ये उठाया सवाल
राष्ट्रीय सर्वदलीय मुस्लिम कमेटी के अध्यक्ष हाजी जमीलउद्दीन कुरैशी ने सवाल उठाया है कि अध्यादेश से तो ले आये, लेकिन कहीं ये प्रावधान रखा कि तलाक के बाद मुस्लिम महिला के पति की गिरफ्तारी हो जायेगी, तो उसके बच्चों का भरण पोषण कौन करेगा। क्या सरकार उसके लिए कोई व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि शरीयत के कानून में ये मोदी सरकार का बड़ा दखल है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश के खिलाफ पूरा मुस्लिम समाज एकजुट है और राष्ट्रपति से मांग करते हैं, इस अध्यादेश को वापिस किया जाये।
Published on:
19 Sept 2018 06:58 pm
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