
raid on bullion traders
आगरा। आयकर विभाग ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। आगरा, मथुरा, दिल्ली और मुम्बई में बुलियन कारोबारियों (प्रचलित मुद्रा के बदले सोना-चांदी देना) के यहां एकसाथ छापा मारा। सुबह आठ बजे शुरू हुई छापामार कार्यवाही खबर लिखे जाने तक जारी थी। चांदी कारोबारियों आरएस बुलियन मथुरा, सुशीला चौहान आगरा और अवागढ़ के अजय गर्ग की फर्म और घरों पर आयकर अधिकारियों की टीम लगातार दस्तावेजों की जांच पड़ताल कर रही है। आयकर विभाग को इन बुलियन कारोबारियों के यहां बड़ी हेराफेरी की जानकारी सर्वे लिंक के आधार पर मिली थी। आय़कर विभाग की नजर में सुशीला चौहान फर्म बुलियन माफिया है। आयकर विभाग का छापा पड़ते ही सराफा कारोबारियों ने प्रतिष्ठान नहीं खोले। आगरा में पकड़ा गया सट्टा किंग श्याम वोहरा भी आयकर विभाग की जांच सूची में है।
आगरा में तीन बुलियन के यहां जांच
आगरा में थाना कोतवाली के अंतर्गत चौबे जी का फाटक स्थित कार्यालय और मोती कटरा स्थित घर पर आयकर टीम सुबह आठ बजे पहुंच गई। प्रधान आयकर निदेशक जांच अमरेन्द्र कुमार के अनुसार एक साथ तीन बुलियन्स कारोबारियों पर कार्यवाही की गई है। मथुरा के आरएस ज्वेलर्स के यहां से शुरू हुई जांच आगरा के सुशीला चौहान सर्राफ और अजय अवागढ़ तक पहुंची है। अभी आयकर विभाग की जांच जारी है। इसलिए टैक्स चोरी के खेल का सही आंकड़ा विभाग नहीं बता रहा है। अधिकारियों के अनुसार यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अब तक कि सबसे बड़ी कार्रवाई होगी। सूत्रों के मुताबिक 123 करोड़ रुपये की हेराफेरी का अंदाजा लगाया जा रहा है।
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मुंबई की फर्म का नकली एग्रीमेंट
मथुरा के आरएस ज्वेलर्स, आगरा के सुशीला चौहान ज्वेलर्स और अजय अवागढ़ तीनों ही मुम्बई की एक कम्पनी वैनिटी ज्वैलर्स के नकली एग्रीमेंट को दिखाकर उधार में चांदी खरीद दिखाते थे। तीनों कारोबारी पचास हजार से कम के बिल दिखा कर लोगों का करोड़ों रुपया काले से सफेद कर रहे थे। इस खेल में गागा के नाम से प्रसिद्ध आगरा का एमसीएक्स कारोबारी भी शामिल है। गागा का काम भी स्टॉक एडजेसमेन्ट कर लोगों का काला धन सफेद करना है।
कारोबारियों के संबंधियों पर भी शिकंजा
इन बुलियन कारोबारियों के साथ सत्यम ट्रेडर्स, शशांक बुलियन प्रा.लि., एसएल पायल, जैसिब बुलियन, जैन बुलियन की भी जांच की जा रही है। इन बुलियन कारोबारियों के परिवार और सगे सम्बधियों पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है। नोटबन्दी के दौरान इन लोगों ने करोड़ों का काला धन सफेद करने के लिए अपने आईडीएस (इनकम डिटेक्शन सोर्स) का गलत इस्तेमाल किया। मथुरा के ज्वेलर्स ने तो 28 अक्टूबर, 2016 को 37 करोड़ रुपये की पचास हजार से कम की फुटकर बिक्री दिखाई। इस खरीदारी में उनपर कोई पैन डिटेल तक नहीं है। इस तरह का काम कब से किया जा रहा था, यह खंगाला जा रहा है।
ज्वेलर पर सोना था ही नहीं
प्रधान आयकर निदेशक जांच उत्तर प्रदेश-उत्तराखण्ड आयकर विभाग अमरेन्द्र कुमार का कहना है कि 28 अक्बटूर को 2016 को एक दिन में 37 करोड़ की सेल करना और सारे बिल 50 हजार से नीचे होना सम्भव नहीं है। एक दिन में इतने बिल काटना और ग्राहक आना सम्भव नहीं है। इनके पास सोना था ही नहीं। मुम्बई की बैनिटी ज्वैलर्स से सोने की फर्जी सेल का कॉन्ट्रेक्ट किया था।
Updated on:
19 Jul 2018 06:27 pm
Published on:
19 Jul 2018 05:52 pm
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