
aak
आपने आक के पेड़ के बारे में काफी सुना होगा। बंजर भूमि में उगने वाला ये पेड़ भोलेनाथ को अति प्रिय होता है। कहा जाता है आक के पेड़ में भगवान गणेश का निवास होता है। ये काफी गर्म तासीर का होता है। विषाक्त दूध होता है। इसे मदार भी कहा जाता है। शिव जी की पूजा में इसका प्रयोग काफी शुभ माना जाता है। ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि यदि शुभ मुहूर्त में इसे घर में लगाया जाए तो ये काफी समस्याओं का अंत कर देता है। ज्योतिषाचार्य से जानते हैं इसके बारे में।
टोने टोटके का असर नहीं होता
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि घर की रक्षा के लिए श्वेत फूलों वाला आक या मदार का पौधा रविपुष्य योग में घर के दरवाजे पर लगाएं। जब-तक यह पौधा घर में रहेगा, तब तक घर में किसी भी तरह की व्याधि, नजर-टोना, टोटका, तन्त्र-मन्त्र के दुष्प्रभाव और अवांछित तत्व व बुरी आत्माओं, दुर्भागय और दुष्ट-ग्रहों की वृद्धि का प्रभाव परिवार पर नहीं पड़ेगा।
संतान न हो तो
जो महिला संतान सुख से वंचित हो वो रविवार को पुष्य नक्षत्र में मदार की जड़ को स्त्री अपनी कमर में बांध ले तो उसे सन्तान का सुख अवश्य मिलता है।
बच्चे को नजर से बचाने के लिए
छोटे बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए उसके गले में सफेद आक के फूलों की माला पहना दें। इससे उपरी टोने-टोटके का भी प्रभाव बच्चे पर नहीं पड़ता है।
तांत्रिक का प्रभाव दूर करता
यदि किसी व्यक्ति पर तान्त्रिक अभिकर्म किया हुआ है तो मदार का एक टुकड़ा अभिमन्त्रित करके कमर में बांधने से तान्त्रिक क्रिया निष्फल हो जाती है।
सौभाग्य वर्धक
सौभाग्य वृद्धि के लिए इसकी जड़ को अभिमन्त्रित करके दायीं भुजा पर बांधने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ में अगर गणेश जी का सौभाग्य वर्धक स्त्रोत का जाप किया जाए तो अत्यन्त लाभ होता है।
Published on:
23 Dec 2018 06:30 am
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