
आगरा। 1984 तक बच्चों में पेशाब के रास्ते की रुकावट के ऑपरेशन में प्रयोग किए जाने वाले उपकरण की कीमत तीन लाख थी। इस पर भी यह उपकरण विदेश से आयात करने की वजह से आसानी से उपलब्ध नहीं होता है। लेकिन, भोपाल की चाइल्ड सर्जन डॉ. सरोज चूड़ामणी के अविष्कार के बाद इसकी कीमत मात्र 500 रुपए हो गई। इसी तरह चाइल्ड सर्जरी में ऐसे 10 नए अविष्कार करने व 5 नई ऑपरेटिंग तकनीक की खोज के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। रविवार को आगरा में आईं डॉ.चूड़ामणि से पत्रिका टीम से वार्ता की।
दो दिवसीय वर्कशॉप में भाग लेने आई डॉ.सरोज
आगरा के पुष्पांजलि हॉस्पिटल में आयोजित इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ सर्जन्स (इंडियन सेक्शन), सोसायटी ऑफ एंडोस्कोपिक एंड लैप्रोस्कोपिक सर्जन्स ऑफ आगरा (सेल्सा) व एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ आगरा की दो दिवसीय कार्यशाला में भाग लेने पहुंची डॉ. सरोज ने पत्रिका से हुई बातचीत में बताया कि उनके 1976-86 तक किए गए 10 अविष्कारों में से 6 को एनआरडीसी (नेशनल रिसर्च डवलपमंट कॉरपोरेशन) में पेटेंट भी कराया जा चुका है। चिकित्सा क्षेत्र की नई पीढ़ी को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा जीवन चुनौतियों से भरा है। आप कोशिश करेंगे हर समस्या का रास्ता कोज लेंगे।
इन उपकरणों का किया अविष्कार
1-वेल्वएवनेटरः बच्चों में पेशाब की रास्ते की रुकावट को दूर करने वाला उपकरण।
2-ह्यूमेडिफायरः बच्चों में निमोनिया होने पर सांस लेने की समस्या में मददगार।
3-मेन्वल म्यूकस एक्सट्रेवटरः ईसोफेगस के विकसित न होने पर सलाइवा के फेफड़ों में पहुंचने पर प्रयोग किया जाने वाला उपकरण।
4-हाइड्रोकेफिलसः सिर में पानी भरने पर शंट बाने के लिए उपकरण।
5-मोडीफाइ ऑपरेटिंग टेबिलः पहले ओटी में एसी की व्यवस्था नहीं होती थी। कूलर भी प्रयोग नहीं किए जा सकते थे। ऐसी स्थिति में गर्मी हाइपरपोयरेक्सिया से निजात पाने के लिए की मोडीफाइ ऑपरेटिंग टेबिल का अविष्कार किया जो बर्फ के कारण ठंड़ी रहती थी।
6-परक्यूटीनियस नेफ्रोस्टमी डिवायजः बच्चों की किडनी में पानी भरने (हाइड्रोनेफ्रोसिस) की स्थिति में ऑपरेशन नहीं किए जा सकते। इसमें परक्यूटीनियस के जरिए पानी निकाल कर स्थिति ठीक होने पर ऑपरेट किया जा सकता है।
Published on:
14 May 2018 07:01 am
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