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जानिए, सपा के राजनीतिक प्रस्ताव की प्रमुख बातें

सपा के राजनीतिक प्रस्ताव में भाजपा पर धार्मिक उन्माद फैलाकर सत्ता हासिल करने का आरोप लगाया है।

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आगरा

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Amit Sharma

Oct 05, 2017

Akhilesh yadav

आगरा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में राजनैतिक प्रस्वाव पेश किया गया। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी पर धार्मिक उन्माद फैलाकर सत्ता हासिल करने का आरोप लगाया। प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा कि चुनाव के पहले भाजपा सत्ता हासिल करने के लिए इसी तरह का हथकंडा फिर अपना सकती है।


मीडिया का दुरुपयोग

पार्टी के एक दिवसीय राष्टीय प्रतिनिधि सम्मेलन में पारित राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव में कहा गया है कि भाजपा मीडिया के सहारे असत्य बोलकर सत्ता हासिल करती है। भाजपा की कार्यशैली की तुलना हिटलर से की जा सकती है। प्रस्ताव में कहा गया है कि भाजपा विपक्षी दलों को तोड़ने का प्रयास कर रही है। भाजपा लोकतंत्र के लिए खतरा बन गई है। मीडिया लोकतंत्र का चैथा खम्भा है। उसे भी प्रभावित किया जा रहा है।


सर्जिकल स्ट्राइक से आतंकवाद बढ़ा

प्रस्ताव के अनुसार सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आतंकवाद बढ़ा है। सीमाएं सुरक्षित नहीं है। विदेश नीति की नाकामी की वजह से पड़ोसी मित्र देशों से भी सबंध खराब हो रहे हैं। किसानों की हालत बद्तर है। कर्ज माफ करने की नीति ठीक नहीं रही। किसान बेहाल है। बेरोजगारी बढ़ी है। नोटबंदी और जीएसटी से अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। प्रस्ताव पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव ने पेश किया। इस पर आजम खां सरीखे वरिष्ठ नेताओं ने विचार व्यक्त किए।


सरकार बनी तो बाल्मीकि जंयती पर फिर होगी छुटटी

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि सपा की सरकार बनी तो वाल्मीकि और विश्वकर्मा जंयती पर फिर से छुटिटयां होंगी। पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में अध्यक्ष चुने जाने के बाद प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछड़े और दलित समाज के महापुरूषों की जंयतियों पर छुटि्टया बंद कर दी गई हैं। सपा की सरकार बनी तो फिर से छुटिटयां शुरू की जाएंगी।

भाजपा का तर्क

बता दें कि भाजपा सरकार ने 16 जंयतियों पर छुटिटया बंद कर दी हैं। सरकार का मानना है कि छुटिटयों के बजाय स्कूलों में बच्चों को जंयतियों पर महापुरूषो की जानकारी दी जाए।