
ravana poja in agra
आगरा। देश भर में Vijaya Dashami Festival हर ओर धूमधाम से मनाया जा रहा है। एक ओर जहां जहां रावण के पुतले दहन जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आगरा में सारस्वत समाज के कुछ लोगों ने रावण की पूजा की। उन्होंने रावण के पुतला दहन का विरोध किया। चेतवानी दी कि पुतला दहन के विरोध में वे हाईकोर्ट तक जाएंगे।
रावण की पूजा अर्चना की (Ravana Pooja)
आगरा में Vijayadashmi के दिन देशभर में अनगिनत रावण के पुतले जलाए जाएंगे, लेकिन आगरा में सारस्वत समाज के लोगों ने सिकंदरा स्थित रामलाल वृद्धाश्रम के बुजुर्गों संग रावण की पूजा अर्चना की। पूजा अर्चना के बाद यहां हवन यज्ञ में आहुतियां भी दी गईं। रावण की पूजा कर रहे लोगों ने रावण को प्रकांड विद्वान, राजनीतिज्ञ और महादेव का सबसे बड़ा भक्त बताया। इस मौके पर सारस्वत ब्राह्मण मदन मोहन शर्मा ने कहा कि हिन्दू संस्कृति में एक बार ही किसी का अंतिम संस्कार होता है, लेकिन बार-बार Ravana Dahan कर संस्कृति का अपमान किया जा रहा है। इस दौरान मुख्य आयोजक मदन मोहन शर्मा ने कहा कि रावण का पूजन कर शिव भक्तों का अपमान रोका जा सकेगा। मदन मोहन शर्मा का कहना है कि रामायण को तुलसीदास ने एकपक्षीय ढ़ंग से लिखा है, जबकि वाल्मीकि रामायण में राम और रावण का सही जिक्र है। सारस्वत ने कहा कि रावण की मृत्यु के समय राम ने लक्ष्मण को उनसे राजनीतिक शिक्षा लेने के लिए भेजा था। ऐसे समय में हमारे समाज में रावण का पुतला दहन अनुचित है।
लंकेश की उतारी आरती (Ravana Aarti)
इस दौरान लंकेश के भक्तों ने यमुना की तलहटी में पहुंचकर आरती उतारी और पुष्प वर्षा कर रावण का पूजन किया। रावण भक्त अधिवक्ता मदन मोहन शर्मा ने कहा कि रावण की भक्ति और शक्ति से सभी को सीख लेनी चाहिए, ताकि नई पीढ़ी को रावण की अच्छाई, बुराई, ज्ञान, शक्ति और त्याग आदि की जानकारी हो सके। उन्होंने कहा कि देश भर में दहन किए जा रहे पुतलों के विरोध में वे हाईकोर्ट तक जाएंगे। वहीं उमाकान्त सारस्वत, यतेन्द्र सारस्वत का कहना था कि रावण के चरित्र को नजदीक से जानने की आवश्यकता है। रावण सारस्वत बिरादरी के थे और हम उन्हीं के वंशज हैं।
Updated on:
30 Sept 2017 02:33 pm
Published on:
30 Sept 2017 01:53 pm
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