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RSS के ये प्रचारक भाजपाइयों के लिए ‘हीरो’ तो स्वयंसेवकों के लिए भाईसाहब

भाजपा विधायक चौधरी उदयभान सिंह आरएसएस के कार्यक्रम में अपनी तीन पीढ़ियों को लेकर पहुंचे। उन्हें इस बात के लिए सराहा गया।

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चौधरी उदयभान सिंह

चौधरी उदयभान सिंह

आगरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मकर संक्रांति पर्व मनाया। सुनारी, शास्त्रीपुरम में हुए कार्यक्रम में हजारों स्वयंसेवक एकत्रित हुए। भारतीय जनता पार्टी के नेता पूर्ण गणवेश में हाजिर हुए। इस दौरान भाजपाइयों के लिए ‘हीरो’ रहे संघ के क्षेत्र प्रचारक आलोक अग्रवाल। वे भी सबसे मिले। भाजपा विधायक चौधरी उदयभान सिंह इस कार्यक्रम में अपनी तीन पीढ़ियों को लेकर पहुंचे। उन्हें इस बात के लिए सराहा गया।

पुरानी मुलाकात

सुनारी, शास्त्रीपुरम में 24 फरवरी, 2018 को संघ का समरसता कार्यक्रम है। इसमें आगरा विभाग के 50 हजार स्वयंसेवक भाग लेंगे। मार्गदर्शन करेंगे संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत। इस कार्यक्रम से पहले मकर संक्रांति पर्व पर पूर्ण गणवेश में पहला कार्यक्रम था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के क्षेत्र प्रचारक आलोक अग्रवाल ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। इसके बाद वे मंच से सीधे नीचे आ गए। इसके साथ ही स्वयंसेवक उनसे मिलने के लिए आ गए। भाईसाहब नमस्कार कहकर आगे बढ़ रहे थे। कुछ स्वयंसेवक पुरानी मुलाकात को याद दिला रहे थे।

भाजपा नेता कहां चूकने वाले थे

यह मौका भारतीय जनता पार्टी के नेता कहां चूकने वाले थे। पूर्व मंत्री हरद्वार दुबे, पूर्व मेयर इन्द्रजीत आर्य, गामा दुबे, विधायक डॉ.जीएस धर्मेश, प्रांशु दुबे, अश्वनी वशिष्ठ आदि ने भेंट की। अपना परिचय दिया। भाजपा नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही थी। फिर चौधऱी उदयभान सिंह आ गए। उनके साथ उनके बेटे देवेन्द्र सिंह बैराठ उर्फ दीपू और दीपू का बेटा भी था। उदयभान सिंह ने क्षेत्र प्रचारक को अवगत कराया कि आज के कार्यक्रम में तीन पीढ़ियां एक साथ हैं। क्षेत्र प्रचारक आलोक ने शाबासी दी और कहा कि पांच पीढ़ियां तक का एक साथ आने का उदाहरण है। बता दें कि संघ के कार्यक्रमों में भाजपा नेताओं को अधिक भाव नहीं मिलता है।

सुझाव दिया

क्षेत्र प्रचारक ने कार्यक्रम के बाद कार्यकर्ताओं का सुझाव दिया कि धूप का प्रभाव अधिक है, इसे देखते हुए मंच की व्यवस्था की जाए। कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत किए जाने वाले गीत का और अभ्यास कराने की बात कही। यह देखा गया कि ध्वनिविस्तारण की व्यवस्था ठीक नहीं थी। वक्ता क्या कह रहे हैं, किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। प्रतिध्वनि में सबकुछ खो गया था।