गीत इस प्रकार है- ये उथल पुतल उत्ताल लहर पथ से न डिगाने पाएगी, पतवार चलाते जाएंगे, मंजिल आएगी आएगी। लहरों की गिनती क्या करना कायर करते हैं करने दो
तूफानों से सहमे जो हैं पल-पल मरते हैं मरने दो चिर पावन नूतन बीज लिए मनु की नौका तिर जाएगी पतवार चलाते जाएंगे, मंजिल आएगी-आएगी। अनगिन संकट जो झेल बढ़ा
वह यान हमारा अनुपम है नायक पर है विश्वास अटल दिल में बाहों में दमखम है यह रैन अंधेरी बीतेगी, उषा जय मुकुट चढ़ाएगी पतवार चलाते जाएंगे, मंजिल आएगी आएगी।