29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राम मंदिर के लिए RSS दिल्ली में करेगा सबसे बड़ा प्रदर्शन, इन सात जिलों से तीन लाख लोग जाएंगे

-आगरा में आज हो रही है सात जिलों की बैठक -तीन लाख लोगों को दिल्ली ले जाने का लक्ष्य

2 min read
Google source verification

आगरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने एक बार फिर से अयोध्या में राम मंदिर के लिए तैयारी शुरू कर दी है। अभी कारसेवा की बात तो नहीं है, लेकिन सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन किया जाएगा। इस निमित्त बृज प्रांत के सात जिलों से तीन लाख लोग दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे। तैयारी के लिए सोमवार को आगरा में बड़ी बैठक बुलाई गई है।

नौ दिसम्बर को दिल्ली में होगा प्रदर्शन

1992 में विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व में अयोध्या में कारसेवा की गई थी। वास्तविकता यह है कि विश्व हिन्दू परिषद के पीछे ताकत थी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की। संघ इस बार प्रकट रूप में सामने आया है। पिछले दिनों संघ की मुंबई में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राम मंदिर के लिए कार सेवा के आह्वान की बात कही गई थी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने अयोध्या में राम मंदिर की बात कही है। इसके साथ ही संघ सक्रिय हो गया है। नौ दिसम्बर को दिल्ली में जंगी प्रदर्शन किया जाएगा।

सात जिलों की बैठक आज

बृज प्रांत के सात जिलों आगरा, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, एटा, फिरोजाबाद, कासगंज के लोगों को दिल्ली में प्रदर्शन के लिए जाना है। इन जिलों की समन्वय बैठक फतेहाबाद रोड स्थित होटल में अपराह्न तीन बजे से होगी। खास बात यह है कि बैठक को संबोधित करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक आलोक अग्रवाल आगरा आ रहे हैं।

किसे बुलाया

बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अलावा भारतीय जनता पार्टी, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय मजदूर संघ, विद्या भारती, सक्षम, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, सेवा भारती, वनबंधु परिषद, लोक भारती आदि संगठनों के जिला पदाधिकारी बुलाए गए हैं। इनसे पूछा जाएगा कि दिल्ली में होने वाले प्रदर्शन में कितनी संख्या ले जा सकते हैं। दिल्ली प्रदर्शन के लिए सात जिलों में समन्वय की जिम्मेदारी अशोक कुलश्रेष्ठ एडवोकेट को दी गई है। आगरा जिले में समन्वय का काम केशव शर्मा करेंगे। इसी तरह हर जिले के लिए संघ ने समन्वयक नियुक्त कर दिया है।

क्यों है गुस्सा

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले आदेश में कहा था कि 29 नवम्बर से अयोध्या मसले पर प्रतिदिन सुनवाई शुरू होगी। कोर्ट ने इस मामले को जनवरी तक टाल दिया। संघ का कहना है कि इसके चलते हिन्दू समाज सकते में है। ऐसे में सरकार को हिन्दू समाज की ताकत दिखाना जरूरी है। उद्देश्य यह है कि अगर कोर्ट इस मामले की सुनवाई नहीं करता है तो सरकार कानून लाकर राम मंदिर का निर्माण करे।