मिल रही थीं शिकायतें
एसएसपी अमित पाठक फतेहाबाद रोड पर साइकिलिंग के लिए निकले थे। इसी दौरान ओवरलोडिंग ट्रैक्टर और बिना पार्किंग के सड़क किनारे करीब दो दर्जन से अधिक ट्रैक्टर दिखाई दिए। इन ट्रैक्टरों में ईंट भरी हुई थीं। एसएसपी ने वहां पहुंचकर सीओ और एआरटीओ को इससे अवगत कराया। एसएसपी के पहुंचते ही पुलिसफोर्स भी एक्शन में आ गया। आनन फानन में वहां खड़े ट्रैक्टरों के कागजात चेक किए गए। कई ट्रैक्टरों के कागजात नहीं थे। वहीं क्षमता से अधिक भार भी सभी ट्रैक्टरों पर था। सूत्रों का कहना है कि कॉमर्शियल व्हीकल एक्ट का उल्लंघन भी किया गया।
एसएसपी अमित पाठक फतेहाबाद रोड पर साइकिलिंग के लिए निकले थे। इसी दौरान ओवरलोडिंग ट्रैक्टर और बिना पार्किंग के सड़क किनारे करीब दो दर्जन से अधिक ट्रैक्टर दिखाई दिए। इन ट्रैक्टरों में ईंट भरी हुई थीं। एसएसपी ने वहां पहुंचकर सीओ और एआरटीओ को इससे अवगत कराया। एसएसपी के पहुंचते ही पुलिसफोर्स भी एक्शन में आ गया। आनन फानन में वहां खड़े ट्रैक्टरों के कागजात चेक किए गए। कई ट्रैक्टरों के कागजात नहीं थे। वहीं क्षमता से अधिक भार भी सभी ट्रैक्टरों पर था। सूत्रों का कहना है कि कॉमर्शियल व्हीकल एक्ट का उल्लंघन भी किया गया।
एसएसपी बोले, खामियों की होगी जांच
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने कहा कि उन्हें सड़क के किनारे इस तरह से खड़े करीब 29 ट्रैक्टर दिखे। यहां ईंट की अवैध मंडी बना रखी है। उन्होंने कहा कि कुछ चीजें हैं जिनकी जांच कराई जाएगी। इन ट्रैक्टरों की ट्रॉली पर कॉमर्शियल लोड ले जाया जाता है। इसमें देखना होगा कि क्या इतना लोड मान्य है। सड़क के किनारे गाड़ियां पार्क करके मंडी सजाई जा सकती है। ट्रैक्टरों पर कोई नंबर नहीं है। आगे पीछे नंबर नहीं है। किसी भी हादसे के बाद इन गाड़ियों का नंबर भी नोट नहीं किया जा सकता है। पुलिस टीम ने सभी गाड़ियों की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। एआरटीओ को अवगत कराया गया है। ट्रैफिक नियमों को तोड़ने के संबंध में जो भी धाराएं होंगी उनमें कार्रवाई की जाएगी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने कहा कि उन्हें सड़क के किनारे इस तरह से खड़े करीब 29 ट्रैक्टर दिखे। यहां ईंट की अवैध मंडी बना रखी है। उन्होंने कहा कि कुछ चीजें हैं जिनकी जांच कराई जाएगी। इन ट्रैक्टरों की ट्रॉली पर कॉमर्शियल लोड ले जाया जाता है। इसमें देखना होगा कि क्या इतना लोड मान्य है। सड़क के किनारे गाड़ियां पार्क करके मंडी सजाई जा सकती है। ट्रैक्टरों पर कोई नंबर नहीं है। आगे पीछे नंबर नहीं है। किसी भी हादसे के बाद इन गाड़ियों का नंबर भी नोट नहीं किया जा सकता है। पुलिस टीम ने सभी गाड़ियों की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। एआरटीओ को अवगत कराया गया है। ट्रैफिक नियमों को तोड़ने के संबंध में जो भी धाराएं होंगी उनमें कार्रवाई की जाएगी।