विवाद खत्म करना जरूरी याचिकाकर्ता के वकील रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से दायर याचिका में तर्क दिया गया कि, कई हिंदू समूह दावा कर रहे हैं कि ताजमहल एक पुराना शिव मंदिर है। जिसे तेजो महालय के नाम से जाना जाता था। और कई इतिहासकारों ने इसका समर्थन भी किया है। याचिका में कहा गया है कि, इन दावों से ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जहां हिंदू और मुसलमान आपस में लड़ रहे हैं। इसलिए यह विवाद खत्म करना जरूरी है।
वर्ष 1934 में आखिर बार खुला जिन 22 कमरों के राज जानने के लिए याचिका दायर की गई है, उन्हें आखिरी बार वर्ष 1934 में निरीक्षण के लिए खोला गया था। इतिहासविदों का कहना है कि, ताजमहल में मुख्य मकबरे और चमेली फर्श के नीचे बने 22 कमरे मुगल काल से बंद हैं। चमेली फर्श पर यमुना किनारे की ओर जाने के लिए दो जगह सीढ़ियां बनी है। जिसे जाल लगाकर बंद कर दिया गया है। बताया जाता है कि 45 साल पूर्व जाने का रास्ता था पर बाद में इन्हें बंद कर दिया गया।