
आगरा।ताजमहल संरक्षण को लेकर एक बार फिर चर्चा में बना हुआ है। उम्र के साथ साथ ताजमहल पर खतरा भी बढ़ता जा रहा है। ताजमहल की मीनारों, बुर्जियों और गुंबदों के अंदर लगी लोहे की सरिया गल चुकी हैं। इसके साथ ही संगमरमरी पत्थर भी अब अपना रंग रूप खोते जा रहे हैं। वहीं गली हुईं सरियां ही मुख्य कारण रहीं, कि पिछले दिनों आए तूफान को ताजमहल झेल न सका।
निकल रहीं गली हुईं सरिया
ताजमहल की मीनारों, बुर्जियों और गुंबदों के अंदर लगी लोहे की सरिया गल चुकी हैं। इसकी जानकारी 11 अप्रैल को आए तूफान के बाद हुई। इस तूफान के दौरान तेज हवाओं को ताजमहल नहीं झेल सका। तूफान के दौरान गिरी मीनों और गुंबदों को देखा गया, तो इनमें लगी हुई सरिया दो दो इंच तक गली हुईं थीं।
चल रहा मंथन
लोहे की सरिया गली मिलने के मामले में पुरातत्व विभाग द्वारा मंथन किया जा रहा है। मानना ये है कि लोहे की सरिया गलने से ताजमहल को खतरा बढ़ रहा है। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसी हिस्से को निकालकर इन्हें बदलकर दोबारा लगाया जाना तो मुश्किल काम है, लेकिन जो भी गली हुईं सरिया निकली हैं, उन्हें जरूर बदला जा रहा है।
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Published on:
10 May 2018 05:22 pm
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