
ताजमहल
आगरा। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) भले ही अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनवा पाई है, लेकिन ताजमहल के पास शिव मंदिर बचाने की जद्दोजहद शुरू कर दी है। इसकी बानगी रविवार को देखने को मिली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ताजमहल के पश्चिमी गेट पर सिद्धेश्वरनाथ मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर रेलिंग लगा दी थी। विहिप कार्यकर्ताओं ने रेलिंग तोड़ दी। जमकर हंगामा किया। पुलिस उन्हें नहीं रोक सकी।
यह भी पढ़ें
राम मंदिर के लिए हुई थी कारसेवा
विश्व हिन्दू परिषद द्वारा अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाने के लिए आंदोलन किया गया था। इसका चरम था छह दिसम्बर, 1992 में कारसेवा। पूरे देश से लाखों लोग अयोध्या पहुंचे। विवादित ढांचे को ढहा दिया। रामलला तम्बू में विराजमान हैं। उनकी नित्यप्रति पूजा की जा रही है। पूरा प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय में है। हर किसी को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का इन्तजार है। केन्द्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी राम मंदिर निर्माण की बात नहीं कर रही है। विश्व हिन्दू परिषद का कोई वश भी नहीं चल रहा है।
यह भी पढ़ें
क्या है मामला
ताजमहल के पश्चिमी गेट से खान-ए-आलम नर्सरी के रास्ते से होते हुए यमुना किनारे प्राचीन सिद्धेश्वरनाथ मंदिर है। मंदिर के पास हर समय सूबे की सशस्त्र पुलिस (पीएसी) तैनात रहती है। पुरातत्व विभाग ने चार दिन पहले इस मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर स्टील का गेट लगा दिया था। इससे भक्तजन मंदिर तक पूजा करने के लिए नहीं जा पा रहे थे।
यह भी पढ़ें
गेट तोड़ा
विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी हुई तो रविवार को मौके पर पहुंचे। हंगामा करने लगे। नारेबाजी करने लगे। पुरातत्व विभाग द्वारा लगाया गया गेट तोड़ दिया। इस तरह से रास्ता चालू हो गया। मौके पर केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा दल (सीआईएसएफ) के जवान थे। सीआईएसएफ की जिम्मेदारी ताजमहल के अंदर तक है। इसलिए सीआईएसएफ ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। मौके पर अपर नगर मजिस्ट्रेट गरिमा सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर उदयराज सिंह पुलिस बल के साथ पहुंचे। हालांकि पुरातत्व विभाग ने कहा कि मंदिर तक जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग दिया जाएगा, लेकिन विहिप कार्यकर्ता नहीं माने। फिलहाल तय हुआ है कि जिलाधिकारी से बातचीत के बाद कोई फैसला होगा। तब तक गेट नहीं लगाया जाएगा।
यह भी पढ़ें
क्या कहना है विहिप का
विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत संपर्क प्रमुख रवि दुबे का कहना है कि पुरातत्व विभाग ने बिना किसी से पूछे सिद्धेश्वरनाथ मंदिर जाने वाले रास्ते पर गेट चढ़ा दिया। अगर मंदिर में रोज पूजापाठ नहीं होगा तो सबकुछ खत्म हो जाएगा। एएसआई का कहना है कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी ने गेट चढ़ाने का निर्णय किया था। विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष सुनील पाराशर का कहना है कि सिद्धेश्वरनाथ मंदिर ताजमहल से भी अधिक प्राचीन है। मंदिर जाने का मार्ग रोकना गलत है। विश्व हिन्दू परिषद इसका विरोध करेगा।
यह भी पढ़ें

Published on:
11 Jun 2018 08:11 am
बड़ी खबरें
View Allआगरा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
